Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Republic Day: ट्रेनी पायलट को बचाते हुए कमांडर निशांत सिंह ने दिया था बलिदान, अब शौर्य पदक से होंगे सम्‍मानित

    By Jagran NewsEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Thu, 26 Jan 2023 04:53 PM (IST)

    रुड़की के भारतीय नौसेना कमांडर निशांत सिंह को मरणोपरांत नौसेना पदक (शौर्य) से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति ने इसकी घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान मिग-29-के एयरक्राफ्ट क्रैश के दौरान अपने ट्रेनी पायलट की जान बचाने के लिए दिया जाएगा है।

    Hero Image
    रियल हीरो कमांडर निशांत सिंह, शौर्य पदक से होंगे सम्मानित

    दीपक मिश्रा, रुड़की: रुड़की के भारतीय नौसेना कमांडर निशांत सिंह को मरणोपरांत नौसेना पदक (शौर्य) से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति ने इसकी घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान मिग-29-के एयरक्राफ्ट क्रैश के दौरान अपने ट्रेनी पायलट की जान बचाने के लिए दिया जाएगा है। निशांत के पिता, बेटे को मिलने वाले इस वीरता पुरस्कार से बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिग क्रैश के दौरान ट्रेनी पायलट को बचाते हो गए थे शहीद

    रुड़की के संजय गांधी कॉलोनी निवासी व नौसेना के कमांडर निशांत सिंह 26 नवबंर 2020 में मिग-29 एयरक्राफ्ट क्रैश के दौरान अपने ट्रेनी पायलट को बचाते हुए बलिदान हो गए थे। आंसू से भरी आंखों और रुंधी आवाज में नौसेना के पूर्व कमांडर व निशांत सिंह के पिता यश वीर सिंह ने बताया कि निशांत उनकी इकलौती संतान थी। उनका बेटा बहुत बहादुर था। आखिरी दम तक वो अपने कर्तव्य का पालन करता रहा। पूरा देश उसकी बहादुरी पर गर्व करता है।

    एयरक्राफ्ट अरब सागर में क्रैश हुआ था

    उन्होंने बताया कि निशांत ने अपने ट्रेनी पायलट के साथ मिग 29-के एयरक्राफ्ट से 26 नवंबर 2020 की शाम को उड़ान भरी थी। लेकिन दुर्भाग्य से यह एयरक्राफ्ट अरब सागर में क्रैश हो गया। उनके बेटे को जब लगा कि एयरक्राफ्ट अब असंतुलित हो गया है। उसे संभाल पाना संभव नहीं है। तब भी उसने अपना संयम नहीं खोया और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने ट्रेनी पायलट रोहित यादव को तो बचा लिया और खुद काल के ग्रास में समा गया। विमान गोवा के नजदीक अरब सागर में जा गिरा।

    11 दिन बाद मिला था शहीद का शव

    बता दें, 11 दिन बाद 7 दिसंबर को कमांडर निशांत का शव अरब सागर में गोवा तट से 30 मील दूर गहरे पानी में मिला था। 11 दिसंबर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ बेटे का अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे ने आखिर दम तक बहादुरी का परिचय दिया। अपनी जान बचाने से ज्यादा अपने ट्रेनी पायलट को पहले बचाया। पूर्व नौसेना अधिकारी यशवीर सिंह ने बताया कि बुधवार देर शाम बेटे की यूनिट हेड का फोन आया था उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने उनके बेटे उसकी बहादुरी और कर्तव्य पालन के लिए नौसेना के शौर्य पदक देने की घोषणा की है। यह सम्मान नौसेना की सेरेमनी में दिया जाएगा।

    बेहद खुशमिजाज थे कमांडर निशांत

    नौसेना के पूर्व कमांडर व निशांत सिंह के पिता यश वीर सिंह ने बताया कि निशांत बचपन से ही बहुत ही खुश मिजाज और जिंदादिल था। लेकिन शादी के 6 माह बाद ही वह बलिदान हो गया था। उसने अपनी शादी के लिए अपने कमांडिंग अफसर को चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी निशांत के मरने के बाद इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थी। निशांत ने चिट्ठी में लिखा था कि 'मैं इतने शॉर्ट नोटिस में आपके ऊपर बम गिराने के लिए माफी चाहता हूं, लेकिन आप यकीन मानिए, मैं खुद पर एक न्यूक्लियर बम गिराना चाह रहा हूं। युद्ध काल में लिखी जाने वाली इस भाषा का प्रयोग करते हुए निशांत ने अपनी शादी के लिए छुट्टी मांगी थी। नायब रंधावा से निशांत की शादी हुई थी। पिता यश वीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा बहुत होनहार था। वर्ष 2008 में मात्र 22 साल की उम्र में वह भारतीय नौसेना में कमीशंड हो गया था।