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    उत्‍तराखंड के राज्यपाल को तत्काल हटाया जाए: बहुगुणा

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 27 Mar 2016 08:58 AM (IST)

    मुख्यमंत्री हरीश रावत के कथित स्टिंग के सामने आने के बाद कांग्रेस के नौ बागी विधायकों में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी हमलावर मुद्रा में आ गए। उन्होंने उत्तराखंड के राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर सीधे राज्यपाल को ही निशाने पर ले लिया।

    देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत के कथित स्टिंग के सामने आने के बाद कांग्रेस के नौ बागी विधायकों में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी हमलावर मुद्रा में आ गए। उन्होंने उत्तराखंड के राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर सीधे राज्यपाल को ही निशाने पर ले लिया और कहा कि राज्यपाल ने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग किया। उन्हें तत्काल पद से हटाकर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि स्पीकर ने न्यायसंगत काम नहीं किया।
    पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा उत्तराखंड में 18 मार्च से शुरू हुए सियासी घमासान के बाद शनिवार को पहली बार नई दिल्ली में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और यहां तक कि कांग्रेस आलाकमान तक पर तीखे वार किए।

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    बहुगुणा ने कहा कि हरक सिंह रावत पिछले दो साल से लगातार सरकार पर सवाल उठा रहे थे लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। पिछले दो साल से मुझे राहुल गांधी ने मिलने के लिए वक्त नहीं दिया। प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी को सब पता था लेकिन वह स्थिति नहीं संभाल पाईं।
    विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें स्पीकर से निष्पक्ष फैसले की उम्मीद नहीं है। उन्होंने न्यायसंगत काम नहीं किया। बहुगुणा ने कहा कि उनका अभियान पार्टी के खिलाफ नहीं है लेकिन उन्हें पार्टी में रखने या न रखने का फैसला अब कांग्रेस को ही करना है।

    हमारी प्राथमिकता राज्य है, लिहाजा सरकार गिराने के लिए भाजपा से हाथ मिलाना गलत नहीं। हमें सरकार गिरानी थी, इसलिए हमने खिलाफ वोट दिया। रावत सरकार राज्य हित में नहीं है। हालांकि साथ ही बहुगुणा ने यह भी कहा कि न तो वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं और न कभी उन्होंने राज्यसभा का टिकट मांगा।

    साथ ही, उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ हैं, कांग्रेस पार्टी के नहीं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह किसी से बारगेनिंग नहीं कर रहे हैं। हां, आलाकमान के समक्ष अपनी बात जरूर रखी लेकिन किसी भाजपा नेता से नहीं मिले। उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में है और उसे नैतिकता के नाते तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
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