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    डायरेक्ट सेलिंग के लिए जल्द ही तय होंगे मानक : मुख्यमंत्री

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:33 AM (IST)

    प्रदेश में तेजी से बढ़ते डायरेक्ट सेलिंग मार्केट के लिए दिशा निर्देशों का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। ...और पढ़ें

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    डायरेक्ट सेलिंग के लिए जल्द ही तय होंगे मानक : मुख्यमंत्री

    जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश में तेजी से बढ़ते डायरेक्ट सेलिंग मार्केट के लिए दिशा निर्देशों का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। यह घोषणा उन्होंने बुधवार को पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित सेमिनार में की।

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    राजपुर रोड स्थित एक होटल में डायरेक्ट सेलिंग के नियामक निर्धारण और अवसर एवं चुनौतियों पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि उत्पादक और उपभोक्ता कैसे नजदीक आएं और बिचौलिए कम हों, इस पर काम करना जरूरी है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्चा कम हो, ताकि कीमतों में कमी आए। वर्तमान में कई नई विधाएं हैं, इनमें डायरेक्ट सेलिंग भी है। इसके लिए एक नियमित तौर पर तंत्र विकसित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में उपभोक्ताओं को गुणवत्ताहीन उत्पाद देना, समय से नहीं देना और धोखाधड़ी की शिकायतें भी सामने आई हैं। इसलिए इस बाजार में उत्पाद की गुणवत्ता, उपभोक्ता की संतुष्टि, उत्पादक के हित के लिए मानक तय किए जाएंगे। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है। उन्होंने कहा कि इस बाबत पीएचडी चेंबर के सदस्यों ने सुझाव दिए हैं। इन सुझावों पर भी विचार किया जाएगा।

    चेंबर के निदेशक अनिल तनेजा ने कहा कि चेंबर ने डायरेक्ट सेलिंग के दिशा निर्देशों के लिए एक ड्राफ्ट सरकार को सौंपा है। उपभोक्ता पालिसी एक्सपर्ट बिजोन मिश्रा ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग में गाइड लाइन होना इसलिए जरूरी है कि उत्पादक और उपभोक्ता दोनों सुरक्षित महसूस करें। 24 घंटे हेल्प लाइन का नंबर होना चाहिए, इसमें उपभोक्ता कभी भी उत्पाद की शिकायत दर्ज करा सके और समाधान हो। उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव सुशील कुमार ने कहा कि सूबे में डायरेक्ट सेलिंग का कारोबार कैसे हो, उपभोक्ता, कंपनी, कंपनी से जुड़े लोगों के हितों की अनदेखी नहीं हो, इसका ध्यान भी नीति में रखा जाए। कार्यक्रम का संचालन अंकिता गुप्ता ने किया। इस दौरान वीरेंद्र कालरा अध्यक्ष पीएचडी चेंबर, एसपी कोचर पूर्व अध्यक्ष चेंबर, विवेक कटोच अध्यक्ष आईडीएसए, रजत बनर्जी सचिव आईडीएसए, रंजीत मेहता प्रधान निदेशक चेंबर, डॉ. सुष्मिता सेनगुप्ता पांडे अपर आयुक्त खाद्य एवं आपूर्ति, डॉ. बृज मोहन शर्मा आदि मौजूद थे। सूबे में है 80 करोड़ का कारोबार

    उत्तराखंड में डायरेक्ट सेलिंग का 80 करोड़ का कारोबार है। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर 40 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 से 25 तक इस कारोबार के दोगुना होने की उम्मीद है। वहीं भारत में 10 हजार करोड़ का कारोबार है और इससे 50 लाख लोगों को रोजगार मिला है। यह आंकड़ा में विश्व में होने वाली डायरेक्ट सेलिंग का लगभग एक फीसदी है। 60 फीसदी महिलाएं है इस कारोबार में

    डायरेक्ट सेलिंग में सबसे ज्यादा 60 फीसदी महिलाएं जुड़ी हैं। देश में तकरीबन 30 लाख और प्रदेश में तकरीबन 24 हजार महिलाएं डायरेक्ट सेलिंग के जरिए अपनी आर्थिकी चला रही हैं।