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    उत्‍तराखंड में इन निजी स्कूलों पर होगी कार्रवाई, शिक्षा विभाग ने दी चेतावनी

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 04:55 PM (IST)

    उत्तराखंड के निजी स्कूलों में अब बच्चों को भारी बस्ते से राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग ने बस्ते के वजन के नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए बस्ते का वजन तय कर दिया गया है जिसका उल्लंघन करने पर स्कूलों का अनापत्ति प्रमाण पत्र रद्द किया जा सकता है।

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    सरकार पहले ही बस्ता रहित दिवस लागू कर चुकी है। प्रतीकात्‍मक

    अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून ।अब राज्य के निजी स्कूलों में भी बच्चों को भारी बस्ते ढोने से मुक्ति दिलाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने बस्ते के वजन को लेकर तय मानकों का पालन नहीं करने वाले निजी विद्यालयों से अनापत्ति प्रमाण पत्र वापस लेने का निर्णय लिया है। राज्य में 5396 निजी स्कूल हैं।

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    माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से कक्षा एक से 12वीं कक्षा तक के लिए बस्ते का वजन तय कर दिया है। इस संबंध में बीते वर्ष अधिसूचना जारी कर दी गई थी, लेकिन निजी स्कूल इसका संज्ञान नहीं ले रहे है।

    निर्देशों के अनुसार, छोटे बच्चों के लिए बस्ता न्यूनतम 1.6 किलो और कक्षा 12 तक अधिकतम पांच किलो तक ही होना चाहिए। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इन मानकों का कड़ाई से पालन कराने के आदेश दिए गए हैं।

    निदेशालय का मानना है कि सरकारी स्कूलों में अपेक्षाकृत बस्ते का बोझ कम पाया गया है, लेकिन निजी स्कूलों में स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है। ऐसे में विभाग ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई तय है। नए आदेशों के बाद निजी स्कूलों को अब कक्षावार वजन मानक का कड़ाई से पालन करना होगा। अन्यथा उन पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

    अत्यधिक वजन का बच्चों की रीढ़ पर पड़ता है दुष्प्रभाव

    बच्चों पर बढ़ते बस्ते के बोझ को लेकर लंबे समय से अभिभावक और विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक वजन बच्चों की रीढ़ और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसी वजह से शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप संशोधित मानक लागू किए हैं।

    एक दिन ‘बस्ता रहित दिवस’भी अनिवार्य

    सरकार पहले ही महीने के अंतिम शनिवार को एक दिन ‘बस्तारहित दिवस’ की व्यवस्था लागू कर चुकी है। नई शिक्षा नीति का मकसद बच्चों के लिए मैत्रीपूर्ण शिक्षा वातावरण तैयार करना है। बस्तारहित दिवस और बस्ते के वजन को कम करना इसी का हिस्सा है।

    सीबीएसई एवं आइसीएसई से संबद्धता प्राप्त निजी विद्यालय बस्ता मानकाें का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्हें पूर्व शासनादेश का हवाला देते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। - डा. मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा

    कक्षा : बस्ते का भार

    • एक व दो : 1.6 से 2.2 किलो
    • कक्षा तीन से पांच : 1.7-2.5 किलो
    • कक्षा छह :-सात : दो से तीन किलो
    • कक्षा आठ : ढ़ाई से चार किलो
    • कक्षा नौ एवं 10 : ढ़ाई से साढ़े चार किलो
    • कक्षा 11 एवं 12 : साढ़े तीन से पांच किलो

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