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    Recruitment Scam: हालात भांपने में नाकाम रहा खुफिया तंत्र, प्रदर्शन में कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी संदिग्ध

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Fri, 10 Feb 2023 09:27 AM (IST)

    Recruitment Scam दून में छह घंटे चले उपद्रव में पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ। यही वजह रही कि नौबत पथराव और लाठीचार्ज तक पहुंच गई। मामले में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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    Recruitment Scam: दून में छह घंटे चले उपद्रव में पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: Recruitment Scam: गुरुवार को दून में छह घंटे चले उपद्रव में पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ।

    न तो खुफिया तंत्र गांधी पार्क के बाहर जुट रही भीड़ का अंदाजा लगा पाया, न ही उसने इससे निबटने के लिए पुलिस-प्रशासन को आगाह किया। यही वजह रही कि नौबत पथराव और लाठीचार्ज तक पहुंच गई।

    पुलिस के रवैये से युवाओं में आक्रोश पनपा

    भर्ती परीक्षा में धांधली के विरोध में गांधी पार्क के बाहर बुधवार को सत्याग्रह पर बैठे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार सहित कुछ अन्य को पुलिस ने देर रात करीब 12 बजे उठाकर एकता विहार स्थित धरना स्थल पर छोड़ दिया था। पुलिस के इस रवैये से युवाओं में आक्रोश पनप गया।

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    चर्चा है कि गुरुवार सुबह जब कोचिंग सेंटर खुले तो संचालकों ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को पढ़ाने के बजाय गांधी पार्क भेज दिया।

    गांधी पार्क में एकत्र होने के लिए सुबह से इंटरनेट मीडिया पर संदेश भी प्रसारित हो रहे थे। यहां भीड़ लगातार बढ़ती रही और पुलिस का खुफिया तंत्र शायद नींद में था। उसके पास न तो भीड़ जुटने की कोई सूचना थी और न ही इस प्रकार के संदेश इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने की। यही कारण रहा कि पुलिस-प्रशासन उपद्रव से निबटने के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं कर पाया।

    अपर पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस एपी अंशुमान ने भी स्वीकार किया कि प्रदर्शन की सूचना तो थी, लेकिन इतनी भीड़ एकत्र हो जाएगी, इसका अंदाजा नहीं था। सूचना पर पुलिस सुबह से ही तैनात हो गई थी। जांच की जा रही है। जिस किसी की लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    पुलिस कर रही है कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच

    गांधी पार्क के बाहर हुए उग्र प्रदर्शन में कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी संदिग्ध है। कुछ कोचिंग संस्थान पुलिस के रडार पर भी हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है कि आखिर कोचिंग सेंटरों से इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी किस तरह घटनास्थल पर पहुंचे। यह पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

    पुलिस सूत्रों की मानें तो सुबह कोचिंग सेंटरों में युवा पढ़ने पहुंचे, मगर पढ़ाई के बजाय उन्हें आंदोलन में शामिल होने के लिए भेज दिया गया। संस्थानों से युवा पैदल ही गांधी पार्क पहुंचे।

    बताया जा रहा है कि सभी कोचिंग सेंटरों की ओर से वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं, जोकि एक दूसरे के संपर्क में हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

    अराजक तत्वों ने माहौल खराब किया : एसएसपी

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि अराजक तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की है। गांधी पार्क के सामने पुलिस पर पथराव किया गया। दुकानों में तोड़फोड़ की गई।

    इससे सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचा। कई पुलिस कर्मचारी घायल हुए हैं। मजिस्ट्रेट को भी चोटें आई हैं। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    भीड़ एकदम इतनी बढ़ जाएगी, इसका किसी को अंदाजा नहीं था। घटनास्थल के सभी वीडियो फुटेज का परीक्षण किया जा रहा है। पथराव करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में यदि पुलिस की लापरवाही सामने आती है तो इसकी भी जांच करवाई जाएगी। शुक्रवार को उत्तराखंड बंद की बात सामने आ रही है। पुलिस नजर बनाए हुए है।

    - अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड

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