Uttarakhand mining revenue: उत्तराखंड में खनन से रिकॉर्ड राजस्व, सरकार को मिली बड़ी सफलता
उत्तराखंड सरकार ने खनन से रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1047.57 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 331.14 करोड़ रुपये की आय हुई जो पिछले वर्ष की तुलना में 22.47% अधिक है। सरकार ने अवैध खनन रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। खनन में पिछले वित्तीय वर्ष में रिकार्ड राजस्व जुटाने में सफल रही प्रदेश सरकार के लिए चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही भी अच्छे परिणाम लेकर आई है। इस अवधि में खनन विभाग ने 331.14 करोड़ की रिकार्ड आय प्राप्त की। यही स्थिति रही तो वर्ष की शेष अवधि में पिछले वर्ष से अधिक राजस्व मिलना तय है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को खनन से 1047.57 करोड़ राजस्व मिला था। राज्य को खनन में पहली बार इतना अधिक राजस्व मिला। खनन में अधिक राजस्व मिलने की अच्छी संभावना होने के बाद भी पिछले कई वर्षों से अपेक्षा के अनुरूप राजस्व नहीं मिल सका।
अवैध खनन व अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम व राजस्व वृद्धि के लिए आधुनिक खनन डिजिटल सुधार एवं निगरानी प्रणाली को विकसित किया गया। राज्य सरकार के स्तर से कुल 45 माइन चेक गेट स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।
खनन से चालू वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में पहली तिमाही में राजस्व में 22.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 270.37 करोड़ का राजस्व मिला था। यह अन्य वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है।
वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 146.18 करोड़ एवं वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 177.27 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था के लिए राजस्व वृद्धि के उपायों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
इसके उल्लेखनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। खनन से राजस्व वृद्धि के लिए उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण करने के साथ ही नए खनिज लाटों का चिह्नीकरण कर ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित करने की व्यवस्था की गई है।
‘राज्य की आर्थिक मजबूती के लिए राजस्व प्राप्ति के संसाधनों में वृद्धि आवश्यक है। खनिज संसाधनों का समुचित और युक्तिसंगत तरीके से उपयोग करने पर ध्यान देने के साथ ही अवैध खनन पर सख्त नियंत्रण, पारदर्शी व्यवस्था, ठोस निगरानी और नियमों के सख्त अनुपालन पर जोर दिया गया है।
आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर खनन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया गया है, जिससे खनिज संपदा का समुचित दोहन और राज्य की आय में बढ़ोतरी हो। साथ में खनन उद्योग से जुड़े रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।’
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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