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    उत्तराखंड में बारिश से हाहाकार... एक सप्ताह में तीन गुना अधिक बरसे मेघ; कुमाऊं में टूटा 34 साल का रिकॉर्ड

    Monsoon in Uttarakhand मॉनसून के आते ही उत्‍तराखंड के अधिकतर इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। इस वर्ष ग्रीष्मकाल में भीषण गर्मी ने उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बेहाल किया। गर्मियों में सूखे जैसे हालात बन गए थे। हालांकि मौसम विभाग की ओर से मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा होने का पूर्वानुमान जारी किया गया था।

    By Vijay joshi Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 08 Jul 2024 09:16 PM (IST)
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    उत्तराखंड में सामान्य से करीब तीन गुना अधिक हुई वर्षा

    विजय जोशी, देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के बाद से ही भारी वर्षा का दौर जारी है। 27 जून को मानसून उत्तराखंड पहुंचने के बाद जुलाई की शुरुआत में रिकॉर्ड वर्षा दर्ज की गई है।

    पहले सप्ताह में ही प्रदेश में सामान्य से करीब तीन गुना अधिक वर्षा हुई है जबकि, कुमाऊं में भारी से बहुत वर्षा हुई और एक ही दिन में वर्षा का 34 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूट गया।

    ऊधमसिंह नगर, चंपावत और नैनीताल में रविवार को ज्यादातर क्षेत्रों में 200 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा बागेश्वर और अल्मोड़ा में भी कई गुना अधिक वर्षा हुई है।

    सामान्य से अधिक वर्षा होने का था पुर्वानुमान

    इस वर्ष ग्रीष्मकाल में भीषण गर्मी ने उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बेहाल किया। साथ ही अप्रैल से जून तक प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य से करीब 40 प्रतिशत कम रही। इससे पहले शीतकाल में भी मेघ रूठे रहे और ज्यादातर क्षेत्रों में नाममात्र की वर्षा हुई। ऐसे में गर्मियों में सूखे जैसे हालात बन गए थे। हालांकि, मौसम विभाग की ओर से मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा होने का पूर्वानुमान जारी किया गया था।

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    जुलाई शुरू होते ही झमाझम वर्षा का दौर तेज

    इसी क्रम में मानसून के उत्तराखंड पहुंचने से पहले ही जून के अंतिम सप्ताह में प्री-मानसून शावर तेज हो गए थे। फिर जुलाई शुरू होते ही झमाझम वर्षा का दौर और तेज हो गया और ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा दर्ज की जा रही है।

    जुलाई के पहले सप्ताह में प्रदेश में औसत सामान्य वर्षा 94 मिमी के सापेक्ष 228 मिमी दर्ज की गई, जो कि सामान्य से 142 मिमी अधिक है। इसमें भी कुमाऊं के जिलों में वर्षा सामान्य से पांच से सात गुना अधिक दर्ज की गई है। बीते 34 वर्ष में यह सर्वाधिक वर्षा है।

    एक ही दिन में 400 मिमी से अधिक वर्षा

    रविवार की सुबह से सोमवार की सुबह तक 24 घंटे के भीतर कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में 200 से 400 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई, जो कि जुलाई में एक दिन में वर्षा का आल टाइम रिकार्ड है। चंपावत जिले के बनबसा में 418 मिमी, चंपावत में 224 मिमी, लोहाघाट में 187 मिमी बारिश हुई।

    नैनीताल जिले में चोरगलिया में 312 मिमी, हल्द्वानी में 204 मिमी, काठगोदाम में 189 मिमी, ऊधमसिंह नगर जिले में खटीमा 278 मिमी, पंतनगर में 202 मिमी, गदरपुर में 184 मिमी, काशीपुर में 148 मिमी बारिश हुई। पिथौरागढ़ में भी 119 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। इससे पहले प्रदेश में कहीं भी जुलाई में एक दिन के भीतर 1990 में हुई वर्षा सर्वाधिक थी।

    जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में हुई औसत वर्षा

    जनपद वास्तविक सामान्य अंतर
    चंपावत 489 123 299
    नैनीताल 356 158 125
    ऊधमसिंह नगर 354 91 288
    बागेश्वर 347 72 387
    पिथौरागढ़ 324 134 142
    देहरादून 256 107 139
    अल्मोड़ा 223 71 213
    रुद्रप्रयाग 184 115 60
    टिहरी गढ़वाल 171 67 156
    चमोली 151 61 149
    पौड़ी 140 88 59
    उत्तरकाशी 130 79 63
    हरिद्वार 101 70 45
    प्रदेश औसत 228 94 142

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