कोरोना से आबकारी महकमे के राजस्व का लक्ष्य दूर, तीन माह के अधिभार से छूट देने की सिफारिश
उत्तराखंड में आबकारी महकमे को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण राजस्व लक्ष्य से दूर नजर आ रहा है। अब विभाग का लक्ष्य नीलाम होने से रह गई अवशेष दुकानों का आवंटन करना है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। आबकारी महकमे को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण राजस्व लक्ष्य से दूर नजर आ रहा है। अब विभाग का लक्ष्य नीलाम होने से रह गई अवशेष दुकानों का आवंटन करना है। इसके लिए एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, जिसमें अवशेष दुकानों से नए वित्तीय वर्ष से अभी तक यानी तीन माह के अधिभार से छूट देने का सिफारिश की गई है। अब इस पर निर्णय कैबिनेट को लेना है।
प्रदेश में इस वर्ष सरकार ने शराब और बियर की 627 दुकानों को आवंटित करने का निर्णय लिया। बीते वर्ष यह संख्या 619 थी। इस वर्ष सरकार ने ऑनलाइन आवेदन के स्थान पर पुराना लॉटरी सिस्टम लागू किया। बावजूद इसके 157 दुकानों के लिए कोई खरीददार नहीं मिले। इससे विभाग को खासा झटका लगा। कारण यह कि इस बार का राजस्व लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये है। बीते वर्ष यह लक्ष्य 3050 करोड़ था, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया था।
इस बार दुकानों का आवंटन होने के बाद कोरोना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन हो गया। इससे शराब व्यवसायियों को खासा नुकसान हुआ। इसके बाद से ही वे अधिभार कम करने की मांग कर रहे हैं। यह मामला कैबिनेट में भी गया लेकिन वहां से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई। वहीं प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही शुरू होने के बावजूद आबकारी के कारोबार ने रफ्तार नहीं पकड़ी है।
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ऐसे में अब विभाग की नजरें नई दुकानों के आवंटन पर टिकी हुई हैं। इन दुकानों के आवंटन के लिए आवेदक तभी आगे आएंगे, जब उन्हें नए वित्तीय वर्ष से लेकर अब तक के अधिभार में छूट मिलें। इसी संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट में रखा जाना प्रस्तावित है।
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