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    Rishikesh Ram Jhula मरम्मत को 11 करोड़ मंजूर, 1985 में हुआ था 220 मीटर लंबे पुल का निर्माण

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 02:27 PM (IST)

    Rishikesh Ram Jhula ऋषिकेश के रामझूला पुल की मरम्मत का काम जल्द शुरू होगा जिसके लिए 11 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 1985 में बने इस पुल का उपयोग पैदल यात्रियों के साथ दोपहिया वाहन भी करते थे। पुल की सस्पेंडर वायर टूटने के बाद मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

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    1985 में बने पुल पर दो साल पहले दोपहिया वाहनों की आवाजाही रोकी थी. File

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। रामझूला पुल की मरम्मत का काम पंद्रह सितंबर के आसपास से शुरू होगा। ग्यारह करोड़ रुपये पुल की मरम्मत के लिए मंजूर हो गए हैं। इसके बाद लोक निर्माण विभाग टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू करेगा। लोनिवि को पुल के सस्पेंडर्स वायर आदि ठीक करने हैं।

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    रामझूला पुल का निर्माण 1985 में किया गया था। गंगा के ऊपर 220 मीटर लंबे रामझूला पुल का निर्माण केवल पैदल यात्रियों के आवाजाही के लिए किया गया था। बाद में पैदल यात्रियों के साथ दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी इस पुल पर शुरू हो गई। यह पुल टिहरी जिले के मुनिकीरेती क्षेत्र को पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम को जोड़ता है।

    स्थानीय लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु भी पुल से आवागमन करते हैं। ऐसे में इस पुल पर दबाव बढ़ गया था। लक्ष्मणझूला पुल बंद होने के बाद इस पुल पर दबाव और बढ़ गया था। रामझूला पुल की तीन सस्पेंडर वायर टूट गई थी।

    2021 में लोनिवि की विशेषज्ञ टीम ने इस पुल पर आवाजाही बंद करने या सीमित करने का सुझाव दिया गया था। विकल्प नहीं होने के चलते इस पुल पर आवागामन चलता रहा। करीब दो साल पहले इस पुल पर दोपहिया वाहनों का संचालन बंद कर दिया गया था। इससे लोगों को दिक्कत उठानी पड़ती है। अब सरकार ने पुल की मरम्मत के लिए ग्यारह करोड़ की धनराशि की मंजूरी दे दी है।

    यह काम है सस्पेंडर्स वायर का

    झूला पुल में आवागमन के कारण किसी एक स्थान पर जब कंपन पैदा होता है तो यह कंपन पुल के लिए खतरा पैदा कर देता है। इसलिए झूला पुल में हर दो मीटर के अंतराल में सस्पेंडर्स वायर लगाई जाती है। जो पुल के डेक और आधार वायर के बीच जुड़े होते हैं। यह सस्पेंडर्स वायर पुल में उठने वाले कंपन को समान रूप से पूरे पुल में वितरित करती है। जिससे पुल की खास जगह पर कंपन नहीं होती है। रामझूला पुल में 440 सस्पेंडर्स वायर लगाई गई है।

    कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया

    नरेंंद्रनगर विधायक और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने रामझूला पुल के अनुरक्षण कार्य के लिए ग्यारह करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दिए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।

    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार धार्मिक पर्यटन को मजबूत करते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइइयों पर ले ज रही है। इस पुल पर काम होने से स्थानीय जनता के सथ श्रद्धालुओं, पर्यटकों, व्यापारियों को यातायात सुगमता, सुविधा में वृद्धि होगी। इससे व्यापारिक गतिविधियों का विकास होगा।

    रामझूला सेतु पर काम के लिए ग्यारह करोड़ की वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। दो तार और सस्पेंडर्स का काम होना है। जल्द टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पंद्रह सिंतबर के आसपास से काम शुरू कर दिया जाएगा। - विजय मोघा, अधिशासी अभियंता, लोनिवि नरेंद्रनगर खंड