मोदी सरकार में रमेश पोखरियाल निशंक को बनाया गया मानव संसाधन विकास मंत्री
उत्तराखंड से सांसद और पूर्व मुख्यंमत्री रमेश पोखरियाल निशंक को देश का नया मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया है।
देहरादून, विकास धूलिया। उत्तराखंड से चुनकर केंद्र सरकार का हिस्सा बने रमेश पोखरियाल निशंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी टीम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंप उनकी योग्यता पर भरोसा जताया है तो निशंक के लिए भी अब यह किसी चुनौती से कम नहीं कि वह स्वयं को इस कसौटी पर खरा साबित करें। खासकर, पूर्व में जिस तरह नरसिम्हा राव, अर्जुन सिंह, मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों ने इस मंत्रालय को संभालते हुए अपनी छाप छोड़ी, उस लिहाज से निशंक के लिए अगले पांच वर्ष उनके राजनैतिक जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
लगातार दूसरी बार सभी पांचों सीटें भाजपा की झोली में डालने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को इस बार अपनी कैबिनेट में न सिर्फ मौका दिया, बल्कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसा अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग हरिद्वार से निर्वाचित सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को सौंप दिया। तजुर्बेे और क्षमता के लिहाज से देखा जाए तो मौजूदा समय में निशंक उत्तराखंड में भाजपा के अग्रणी नेताओं में शुमार हैं। समकालीन राजनेताओं में इससे पहले केवल भुवन चंद्र खंडूड़ी ही एक ऐसे सांसद रहे, जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विश्वास हासिल किया और उनके द्वारा सौंपे गए भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को नई ऊंचाई तक पहुंचाया।
हालांकि, पिछले तीन दशक के दौरान उत्तराखंड को नियमित अंतराल पर केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व मिलता रहा है, मगर अपने कार्यों से बड़ा मुकाम भुवन चंद्र खंडूड़ी ने ही हासिल किया। भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के तौर पर उन्होंने देश में महत्वपूर्ण स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का सफल क्रियान्वयन किया। देश के अन्य हिस्सों की भांति उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों का कायाकल्प के भरसक प्रयास उन्होंने किए। उनसे पहले वर्ष 1996 में केंद्र में रेल राज्यमंत्री रहे पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद सतपाल महाराज ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के मसले को मजबूती से उठाकर इसके जरिये सबका ध्यान खींचा। वर्तमान में इस परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। केंद्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान अल्मोड़ा के सांसद बची सिंह रावत ने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य के स्कूलों में मौसम वेधशालाओं की पहल की।
ऐसे में अब निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसे भारी-भरकम मंत्रालय के जरिये राष्ट्रीय राजनीति में स्वयं को स्थापित करने का बेहतरीन अवसर मिला है। अविभाजित उत्तर प्रदेश और उसके बाद उत्तराखंड में बतौर कैबिनेट मंत्री निशंक ने सफल प्रशासक की छवि बनाई। अपने सवा दो साल के कार्यकाल में भी निशंक सख्त छवि वाले मुख्यमंत्री रहे। अब जबकि निशंक को केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला है तो उत्तराखंड के लोगों को उनसे अधिक उम्मीदें हैं। अब देखना होगा कि निशंक अपने कौशल से इस चुनौती से कैसे पार पाकर मिसाल कायम करते हैं।
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