Ramadan 2020: घर पर ही अदा की गई अलविदा जुमे की नमाज, ईद के खर्च से दूसरों की मदद को उठे हाथ
मजान के आखिरी यानी अलविदा जुमे की नमाज घर में ही अदा की गई। कोरोना से बचाव के लिए बरती जा रही सावधानी के चलते फिलहाल मस्जिदों में सामूहिक इबादत की मनाही रही।
देहरादून, जेएनएन। रमजान के आखिरी यानी अलविदा जुमे की नमाज घर में ही अदा की गई। कोरोना से बचाव के लिए बरती जा रही सावधानी के चलते फिलहाल मस्जिदों में सामूहिक इबादत की मनाही रही। ऐसे में इस बार अलविदा जुमा की नमाज मस्जिदों में नहीं हुई। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घर में ही अलविदा की नमाज अदा करने की अपील की थी। वहीं, इसबार ईद के खर्च से गरीबों के मदद की मुहिम भी जोर पकड़ रही है।
ईद के खर्च से दूसरों की मदद को उठ रहे हाथ
कोरोना आपदा के बीच हरिद्वार में ईद पर नए कपड़े, जूतों पर खर्च होने वाली रकम से जरूरतमंदों की मदद करने की मुहिम तेजी से जोर पकड़ रही है। बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सार्वजनिक रूप से यह एलान कर रहे हैं कि वह ईद पर नए कपड़े नहीं खरीदेंगे, बल्कि इस रकम से गरीबों, जरूरतमंदों की मदद करेंगे।
मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्योहार ईद हर साल रमजान माह के रोजे रखने के बाद बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार पर सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को शीर आदि पकवान खिलाकर मुबारकबाद देते हैं, लेकिन इस बार करीब दो महीने से लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार ठप हैं। जिससे एक बड़े तबके को मदद की जरूरत है।
उलेमाओं की अपील और कुछ नौजवानों की मुहिम का असर यह हुआ कि लगातार लोग आगे आकर ईद पर खर्च होने की वाली रकम से दूसरों की मदद का एलान कर रहे हैं। ईदगाह कमेटी के सचिव हाजी नईम कुरैशी, पूर्व दर्जाधारी मकबूल कुरैशी, चौधरी मुस्तफा ख्वाजा, पूर्व पार्षद सुब्हान कुरैशी, हाजी शादाब कुरैशी, हाजी शाहबुद्दीन अंसारी, हाजी अतीक, अकबर खान, अनीस खान, मुनव्वर कुरैशी आदि ने सार्वजनिक रूप से यह ऐलान किया है और दूसरों से भी इस नेक मुहिम में शामिल होने की अपील की है।
गरीबों की मदद कर मनाएं त्योहार
ईद आपसी मिलन और भाई-चारे का त्योहार है। यह त्योहार भारत की बहुआयामी संस्कृति का प्रतीक है। एक्टर शादाब सलमानी ने अपील करते हुए कहा कि इस साल पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है, लिहाजा मुस्लिमों को बिना खरीदारी किए उस पैसे से गरीब और असहाय लोगों की मदद कर त्योहार मनाना चाहिए। वहीं जमीयत उलेमा के नायब सदर मौलाना इकबाल कासमी का कहना है कि दूसरों की मदद से बढ़कर कोई अमल नहीं है। जो लोग इस मुहिम से जुड़ रहे हैं, वह हकीकत में मुबारकबाद के हकदार हैं। वक्त का तकाजा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
ईद को लेकर मुस्लिम समाज के बैठक, घरों में ही मनाने की अपील
लॉकडाउन के बीच ईद के त्योहार को लेकर एसडीएम और सीओ ने लक्सर कोतवाली में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में एसडीएम पूरण सिंह राणा ने कहा कि ईद खुशियों और भाईचारे का त्योहार है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। ऐसे में लोग ईद पर घरों में ही नमाज अदा करें। सीओ अविनाश वर्मा ने ईद के दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और शारीरिक दूरी का पालन करने की अपील की। इस दौरान कोतवाल वीरेंद्र सिंह नेगी एसएसआई अभिनव शर्मा चौकी प्रभारी मनोज नौटियाल व मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।
ईद के मौके पर मिठाई की दुकानें खोलने की मांग
देहरादून में हलवाई समिति ने जिला प्रशासन से ईद पर मिठाई की दुकानें खोलने की मांग की है। समिति का कहना है कि सोमवार को ईद है, ऐसे में वर्तमान व्यवस्था के कारण रविवार को मिठाई की दुकान बंद रखनी होगी। जिससे सोमवार को ही मिठाई तैयार करना संभव नहीं है। समिति ने डीएम को पत्र भेजकर रविवार को मिठाई की दुकानें खुली रखने की मांग की है।
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हलवाई समिति के प्रधान आनंद स्वरूप गुप्ता ने कहा कि मिठाई एक दिन पहले तैयार करनी होती है। इन दिनों अधिक गर्मी के कारण वैसे भी मिठाई की सेल्फ लाइफ कम हो गई है। दूध और मावे से बनी मिठाइयां एक दिन बाद ही खराब होना शुरू हो जाती हैं। गुप्ता ने कहा कि आने वाले सोमवार को ईद का त्यौहार है। ईद के मौके पर मुस्लिम भाइयों को ताजी मिठाई उपलब्ध करवाना हमारी जिम्मेदारी है। साथी कारोबार के लिहाज से भी त्योहार महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में लागू व्यवस्था के कारण रविवार को मिठाई की दुकानें बंद रहेंगी।
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