Move to Jagran APP

Uttarakhand Lockdown : शहर की जिम्‍मेदारी उठाए रोजेदार जवान इस रमजान नहीं जा सके घर

आज तीसरा रोजा है। रमजान के इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत में जुटे हैं। लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट से लेकर सरकारी संस्थान भी बंद है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 08:15 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown : शहर की जिम्‍मेदारी उठाए रोजेदार जवान इस रमजान नहीं जा सके घर
Uttarakhand Lockdown : शहर की जिम्‍मेदारी उठाए रोजेदार जवान इस रमजान नहीं जा सके घर

हल्द्वानी, जेएनएन : आज तीसरा रोजा है। रमजान के इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत में जुटे हैं। लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट से लेकर सरकारी संस्थान भी बंद है। लिहाजा, रोजेदार घर पर रहकर दुआएं कर रहे हैं। बात अगर खाकी की करें तो शिद्दत के साथ मुस्लिम जवानों ने भी शहर व देश की सलामती को रोजे लिए हैं। मगर चाहकर भी इस रमजान अपनों के पास नहीं जा पा रहे। आसपास घर होने के बावजूद कोई होटल में रुका है तो किसी के लिए किराए का छोटा सा कमरा ही आशियाना बन चुका है। अस्पताल से लेकर हर संदिग्ध जगह पर सूचना मिलते ही पहुंचना और दिनभर भीड़ का हिस्सा होने की वजह से इन लोगों ने यह फैसला लिया है। ताकि घर के लोग भी सुरक्षित रहें। रमजान में अपनों से दूर होने का मलाल तो है लेकिन मौजूदा हालात में इन योद्धाओं के लिए खाकी के फर्ज से बढ़कर और कुछ नहीं समझा। ऐसे में लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कर हमें भी इनका तनाव कम करने में योगदान देना चाहिए।

loksabha election banner

बाहर राशन छोड़कर लौट गए मुनव्वर

मंडी चौकी इंचार्ज मुनव्वर हुसैन का परिवार रुद्रपुर में रहता है। लॉकडाउन के बाद एक बार घर गए और गेट पर राशन छोड़ लौट आए। मंडी में सुबह से भीड़ और बनभूलपुरा से सटा इलाका होने के कारण ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है। मुनव्वर ने बताया कि सब सामान्य होने के बाद ही घर जाना होगा।

इरफान का ठिकाना होटल का कमरा

बनभूलपुरा में तैनात परवेज अली अपनी कद-काठी और सक्रियता को लेकर दूर से पहचाने जाते हैं। परिवार बरेली रोड स्थित गौजाजली में रहता है। मगर लॉकडाउन के बाद से घर जाना नहीं हो पाया। इसलिए करन होटल के एक कमरे को ठिकाना बना लिया। हाल में एडीजी ने परवेज को सम्मानित भी किया।

हर काम को तैयार इसरार

मंडी चौकी के जवान इसरार अहमद इससे पहले कई संवदेनशील जगहों पर पोस्टिड रह चुके हैं। दोपहर में बैरियर पर पसीना बहाने के साथ रात्रि गश्त को लेकर भी वह खासा अलर्ट रहते हैं। इन दिनों काम का लोड बढऩे के बावजूद इसरार के चेहरे पर थकान नहीं दिखती।

जाबिर का अपना नेटवर्क

अनुभव के आधार पर सिपाही जाबिर अली का अपना अलग नेटवर्क भी है। जिसका फायदा विभाग को अक्सर मिलता है। अपराधियों की कुंडली खंगालने के साथ जाबिर पुलिसिया लिखा-पढ़त में भी माहिर है। ड्यूटी किसी प्वाइंट पर हो, पूरी गंभीरता से काम करते हैं।

यह भी पढें

उत्तराखंड में अनोखी शादी, चौकी पर लगा मंडप, पुलिसकर्मी ने किया कन्यादान

कोरोना संक्रमण के बाद अब मौसम ने अन्‍नदाता के आरमानों पर फेरा पानी

नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को लेने से एक बार फिर किया इन्कार

दुबई से भारत आए उत्तराखंड के युवक के शव को लौटाया गया, हाईकोर्ट ने की तीखी ट‍िप्‍पणी

गंजेपन की दवा बनाने के लिए जोंक पकड़ने गया था युवक, दूसरे दि‍न तालाब में बरामद हुआ शव 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.