उत्तराखंड सोमवार के बाद अगले तीन दिन बारिश बढ़ा सकती है मुसीबत, अलर्ट जारी
प्रदेश में सोमवार के बाद अगले तीन दिनों तक मौसम के मिजाज से लोगों की दुश्वारियां बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में सोमवार के बाद अगले तीन दिनों तक मौसम के मिजाज से लोगों की दुश्वारियां बढ़ सकती हैं। इस अवधि में सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राज्य मौसम केंद्र ने जिला प्रशासन को जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। उधर, केदारनाथ हाईवे और बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी सुचारु नहीं हो पाया, जबकि गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में रविवार को फिर से बाधित हो गया। यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है। प्रदेश में लगभग 100 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। अधिकांश नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे बह रही हैं।
राज्य मौसम केंद्र ने 12 अगस्त को मौसम के तेवर कुछ नरम पडऩे की संभावना जताई है। हालांकि इसके बाद लगातार तीन दिनों तक सात जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस अवधि में पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भूस्खलन की और मैदानी इलाकों में बाढ़ की संभावना बन सकती है। मौसम विभाग ने पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने वालों को सतर्क रहने को कहा है। राज्य सरकार को अधिकारियों से समन्वय बनाने की सलाह भी दी गई है।
बदरीनाथ हाईवे रविवार सुबह लामबगड़ समेत तीन स्थानों पर बाधित था, दोपहर तक लामबगड़ को छोड़ अन्य दो स्थानों पर इसे सुचारु कर दिया गया। लामबगड़ में हाईवे से मलबा हटाने का काम जारी है। केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में तीसरे दिन भी बाधित रहा। यहां पहाड़ी से रुक-रुक कर मलबा गिरने का क्रम जारी है। गंंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में फिर से बाधित हो गया।
तीन रोज बाद बीती शाम यहां यातायात स़ुचारु हुआ था, रविवार सुबह मलबा आने से बंद हो गया। हालांकि केदारनाथ और गंगोत्री हाईवे पर वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से गुजारा जा रहा है। बदरीनाथ मार्ग पर लोग लामबगड़ से तकरीबन एक किलोमीटर का पैच पैदल पार कर दूसरी तरफ पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़-तवाघाट राजमार्ग दोबाट के पास पहाड़ी से पत्थर और मलबा आने की वजह से बाधित है।
कुमाऊं मंडल में दिक्कतें बढीं
कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी विकास खंडों में शनिवार रात हुई बारिश ने दिक्कतें खड़ी कर दी। थल -मुनस्यारी मार्ग में रातापानी और वनिक के पास लगातार पहाड़ दरक रहा है। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात कर दी गई है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग एवं टनकपुर -तवाघाट हाईवे पर दोबाट के पास गिरा विशाल बोल्डर दूसरे दिन भी नहीं हटाया जा सका। बीआरओ इसे तोडऩे में जुटा है। मार्ग बंद होने से एलागाड़ से लेकर चीन सीमा तक की लगभग पचास हजार की आबादी अलग-थलग पड़ चुकी है।
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