बर्फ प्रभावित गांवों की कम नहीं हुई दुश्वारियां, पहाड़ी दरकने से गांव पर खतरा
ग्रामीणों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। बर्फ से काफी मार्ग बंद हैं जबकि पेयजल आपूर्ति ठप है।
देहरादून, जेएनएन। चटख धूप खिलने के बाद भी बर्फ प्रभावित गांवों में दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। चकराता में मार्ग बंद होने के साथ ही पेयजल आपूर्ति ठप होने से ग्रामीण परेशान हैं। घर की जरूरत का सामान लाने को भी ग्रामीणों को 30 किमी तक की पैदल दूरी नापने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस बार नौ बार हिमपात होने के कारण ऊंचाई वाले पूरे क्षेत्र में बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है। वहीं, चमोली में एक गांव के पहाड़ी दरकने से भूस्खलन हो रहा है जिससे ग्रामीण दहशत में हैं।
करीब 40 साल बाद क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी से भले ही बागवान और किसान अच्छे उत्पादन, सूखे जलस्रोत रिचार्ज होने की संभावना से खुश हों, लेकिन हिम प्रभावित गांवों देववन, मुंडाली, लोखंडी लोहारी, सैंज समेत तीन दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित है।
बर्फबारी के कारण त्यूणी चकराता हाईवे, देववन, मुंडाली, बुधेर, लोहारी मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने व घर का सामान लाने को ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। त्यूणी चकराता हाईवे पर मंगलवार को कई लोगों ने खतरा उठाकर छोटे वाहन निकाले। मेहर सिंह चौहान लोहारी, महावीर सिंह जाडी, फतेह सिंह मशक, जीतराम गौड़ आदि का कहना है कि ऐसी बर्फबारी 40 साल बाद देखी है। मार्च में भी जनवरी जैसी ठंड का अहसास हो रहा है।
पेयजल लाइनें जाम होने के कारण लोहारी लोखंडी, कोटी कनासर, सैंज कुनैन, जाडी, चकराता, डांडा खमरौली लाइनों से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने लोनिवि और जल संस्थान अधिकारियों से समस्याएं हल करने की मांग की। उधर, मौसम खुलने पर बर्फबारी का आनंद लेने को सैलानी उमड़ रहे हैं। जिससे चकराता क्षेत्र के होटल व काटेज फुल हैं, बाजार में चहल पहल बढ़ने से व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं।
पहाड़ी दरकी, दहशत में ग्रामीण
वहीं चमोली जिले कि जोशीमठ स्थित गुलाबकोटी गांव के ऊपर से पहाड़ी दरक रही है। इससे वहां भूस्खलन हो रहा है। ऐसी हालत में ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। दरअसल, बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी व जोशीमठ के बीच गुलाबकोटी गांव के ऊपर से भूस्खलन हो रहा है, जिससे ग्रामीण खतरे में हैं। बताया कि गांव से 50 मीटर ऊपर सीधे पहाड़ी में बीते दिनों बारिश के दौरान भूस्खलन हुआ। गनीमत यह रही कि भूस्खलन में बड़े बोल्डर ऊपर ही अटक गए।
मकानों में पत्थर गिरने से ग्रामीण खौफजदा हैं। पहाड़ी में अटके बोल्डर हादसों को न्योता दे रहे हैं। इसके चलते गुलाबकोटी के 20 से अधिक परिवार दहशत में हैं। भूस्खलन से गांव के पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे गांव में पेयजल संकट भी है। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन देकर भूस्खलन के रोकथाम की मांग की है। ज्ञापनदाताओं में गुलाबकोटी के पूर्व प्रधान विजयराम, अनुसूया प्रसाद, विजय प्रसाद आदि शामिल थे।
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