जल्द खत्म होने जा रहा सैलानियों का इंतजार, तीन दिन बाद ऋषिकेश में फिर शुरू होगा River Rafting का रोमांच
गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति ने 27 सितंबर से राफ्टिंग फिर शुरू करने की अनुमति दी है। जल स्तर बढ़ने के कारण 24 जून को राफ्टिंग पर रोक लगाई गई थी। पिछले सीजन में 264379 लोगों ने राफ्टिंग का आनंद लिया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राफ्ट के साथ कयाक भी तैनात रहेंगे। वर्तमान में गंगा का जल स्तर 337.50 मीटर है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। गंगा में राफ्टिंग का रोमांच 27 सितंबर से फिर शुरू होगा। गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति ने इसकी अनुमति दे दी है। अब राफ्टिंग कंपनियां इसकी तैयारी में जुट गई है। पिछले सीजन में सितंबर से जून तक 2,64379 लोगों ने राफ्टिंग की थी।
उत्तराखंड रिवर राफ्टिंग एवं कयाकिंग नियमावली के तहत एक सितंबर से तीस जून तक गंगा में राफ्टिंग होती है। गंगा का जल स्तर बढ़ने पर राफ्टिंग गतिविधियों की निगरानी करने वाली गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति तारीखों में बदलाव करती है।
पिछले सीजन में 23 सितंबर से राफ्टिंग शुरू हुई थी और इस साल 23 जून तक चली थी। उत्तराखंड में मानसून की बारिश जल्दी होने के कारण राफ्टिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। गंगा का जल स्तर 337.50 मीटर पर पहुंचने के बाद बुधवार को प्रबंधन समिति की ओर से गंगा में राफ्टिंग की स्थिति का आकलन करने के लिए राफ्टों को उतारा गया।
इसके बाद तकनीकी समिति ने 27 सितंबर से राफ्टिंग शुरू करने की मंजूरी दे दी। टिहरी जिले के साहसिक पर्यटन अधिकारी और समिति के सचिव जसपाल चौहान ने बताया कि पर्यटन विभाग, वन विभाग, आइटीबीपी और राफ्टिंग कंपनियों के प्रतिनिधि तकनीकी समिति में हैं। गंगा का जल स्तर कम होने पर स्थिति का आकलन किया गया। उसके बाद 27 सितंबर से राफ्टिंग की अनुमति दी गई है।
राफ्टिंग क्षेत्र खारास्रोत तक दूरी
- ब्रह्मपुरी 6 किलोमीटर
- गोल्फ कोर्स 8 किलोमीटर
- शिवपुरी 18 किलोमीटर
- मरीन ड्राइव 24 किलोमीटर
गंगा में 576 राफ्टों के संचालन की अनुमति
गंगा में देवप्रयाग से मुनिकीरेती तक 576 राफ्टों के संचालन की अनुमति है। वर्तमान में 263 कंपनियों की 560 राफ्ट चल रही थी। कुछ कंपनियों का सुरक्षा संबंधी मामला चल रहा है। इसलिए अनुमति से कम राफ्ट चल रही है।
राफ्ट के साथ कयाक भी रहेगी
ऋषिकेश में गंगा का खतरे का निशान 340.50 और चेतावनी निशान 339.50 मीटर पर है। गंगा का जल स्तर वर्तमान में 337.50 मीटर पर चल रहा है। पिछले कुछ दिनों से वर्षा थमी हुई है। हालांकि, जल अभी मटमैला आ रहा है। इसे देखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा के लिए अभी राफ्टों के साथ कयाक भी उतारी जाएगी। जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी ने बताया कि अगर किसी कारण से राफ्ट पलटती है तो कयाकर तत्काल बचाव कार्य शुरू कर सकते हैं। रैपिडों में राफ्ट पलटने का खतरा रहता है।
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