गढ़वाली-कुमाऊंनी और संस्कृति में भी कुरान, पढ़िए पूरी खबर
तस्मिया ऑल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से कुरान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
देहरादून, जेएनएन। तस्मिया ऑल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से आयोजित 15वीं कुरान लेख कला प्रदर्शनी में हर रूप में कुरान के दर्शन कराए गए। यहां पर गढ़वाली-कुमाऊं और संस्कृत से लेकर 47 भाषा-बोली में लिखी गई कुरान प्रदर्शित की गई।
टर्नर रोड स्थित अकादमी में शनिवार को कुरान प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (एलबीएस) के निदेशक संजीव चोपड़ा ने किया। उन्होंने इसे अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी बताते हुए कहा कि कुरान सच्ची मार्गदर्शक है, इसमें भाईचारे का संदेश मिलता है। वहीं, एसजीआरआर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. पीपी ध्यानी ने कहा कि प्रदर्शनी में आकर उन्हें सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति हो रही है और यही इस आयोजन की सफलता का राज भी है।
वहीं, प्रदर्शनी में हजरत उस्मान गनी की ओर से जमा कराई गई विश्व की पहली कुरान की प्रति भी दिखाई गई। इसकी लंबाई 68 सेंटीमीटर और चौड़ाई 57 सेंटीमीटर, जबकि वजन 80 किलो है। इसमें 1087 पृष्ठ हैं और दूसरी तरफ महज 1.75 ग्राम की कुरान भी आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा लकड़ी पर लिखी गई 2500 किलो की कुरान से लेकर खाल, पत्थर, शीशे, कपड़े, लकड़ी, सोने, चांदी, गिलाफ-ए-काबा, दिगर धातुओं पर भी कुरान की आयतें लिखी गई हैं।
अकादमी ने अध्यक्ष डॉ. एस फारूक ने बताया कि प्रदर्शनी का मकसद गैर मुस्लिम बिरादरी के लोगों को भी कुरान का पैगाम देना है। ताकि सभी लोग जान सकें कि जाति-धर्म की संकीर्णताओं के लिए इंसानियत में कोई जगह नहीं है। इस अवसर पर मिश्र से आए कारी शेख अब्दुल्लाह रागिब इब्राहिम, कारी अहमद महमूद उस्मान, नीलम मिसाल, मुख्तार मोहसिन, ब्रिगेडियर केजी बहल (रिटा.), पंकज गुप्ता, आरके बख्शी आदि उपस्थित रहे।
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