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Coronavirus: होम आइसोलेशन के बजाय भाई संग अस्पताल पहुंच गई बहन Dehradun News

कोरोनाकाल में अस्पतालों के बीच तालमेल की कमी फिर सामने आई। मामला दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए गोपेश्वर निवासी भाई-बहन से जुड़ा है।

By Edited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 08:09 AM (IST)
Coronavirus: होम आइसोलेशन के बजाय भाई संग अस्पताल पहुंच गई बहन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। कोरोनाकाल में अस्पतालों के बीच तालमेल की कमी फिर सामने आई। मामला दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए गोपेश्वर निवासी भाई-बहन से जुड़ा है। युवती कोरोना पॉजिटिव थी और बेडसोर से पीड़ित लकवाग्रस्त उसका भाई आइसीयू में भर्ती।

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कोरोना से जंग जीत स्वस्थ हुई युवती को अस्पताल प्रशासन ने सोमवार रात डिस्चार्ज कर दिया। साथ ही उसके भाई को कोरोनेशन (जिला अस्पताल) रेफर कर दिया। पर डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत होम आइसोलेशन में जाने के बजाय युवती भाई संग जिला अस्पताल पहुंच गई। जहा उसकी डिस्चार्ज स्लिप पर एसिम्टोमेटिक कोरोना पॉजिटिव लिखा देख डॉक्टरों व स्टाफ में हड़कंप मच गया।मुख्य चिकित्साधिकारी व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने हस्तक्षेप कर दोपहर बाद युवती को कोविड केयर सेंटर भेजा गया। 

दरअसल, सोमवार रात को दून मेडिकल अस्पताल से गोपेश्वर के भाई-बहन को कोरोनेशन अस्पताल भेजा गया। भाई लकवाग्रस्त व बेडसोर बीमारी से पीड़ित है, उसकी दो कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। बहन कोरोना संक्रमित थी, जो 13 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुई है। पर उसकी डिस्चार्ज स्लिप पर डायग्नोसिस में कोरोना पॉजिटिव लिखा था। इससे कोरोनेशन अस्पताल के डाक्टर, स्टाफ एवं अन्य मरीज दहशत में आ गए। 

इधर, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि युवती एसिम्टोमेटिक थी। अस्पताल में मरीज ज्यादा होने पर दो जून को उसे कोविड केयर सेंटर भेजने का फैसला लिया गया था। उसके डिस्चार्ज की भी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं, पर उसने मना कर दिया। ऐसे में तीन जून से उसे फिर से एडमिट दिखाया गया। युवती 13 दिन तक आइसोलेशन में रही है और वह स्वस्थ मानी जाएगी। 

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उसे घर में 14 दिन आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई थी। वहीं, उसके भाई को नॉन कोविड अस्पताल रेफर किया गया था। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.बीसी रमोला ने कहा कि डॉक्टरों एवं अफसरों को आपस में समन्वय बनाकर ही मरीजों को इधर-उधर भेजना चाहिए। कोरोना से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कोरोना की नई डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत मरीज की दूसरी जाच नहीं कराई जा रही है। दस दिन बाद मरीज को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर रहे हैं।

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