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    यहां डिग्री कॉलेजों में 180 दिन पढ़ाई, 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य; जानिए

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    Updated: Wed, 25 Sep 2019 03:54 PM (IST)

    उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए 180 दिन की न्यूनतम पढ़ाई और छात्र-छात्राओं की 75 से 80 फीसद तक उपस्थिति चालू शैक्षिक सत्र से ही अनिवार्य की जा रही है।

    यहां डिग्री कॉलेजों में 180 दिन पढ़ाई, 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य; जानिए

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी डिग्री कॉलेजों में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए 180 दिन की न्यूनतम पढ़ाई और छात्र-छात्राओं की 75 से 80 फीसद तक उपस्थिति चालू शैक्षिक सत्र से ही अनिवार्य की जा रही है। कॉलेज प्राचार्यों को इस संबंध में जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही दून विश्वविद्यालय में 28 सितंबर से होने वाली दो दिनी कार्यशाला में कॉलेजों में न्यूनतम पढ़ाई के दिन तय करने पर चर्चा को एक सत्र भी रखा गया है। 

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    उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा स्थित अपने कक्ष में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों के साथ मंथन किया। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि दून विश्वविद्यालय में 'उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार' विषय पर प्रस्तावित कार्यशाला के उद्घाटन मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। कार्यशाला के पहले दिन उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर ही दो सत्र रखे गए हैं। एक सत्र में विभिन्न सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को उठाए जा रहे कदमों और नई पहल पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। 
    डिग्री कॉलेज प्राचार्यों के साथ न्यूनतम 180 दिन पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने और छात्रों की उपस्थिति 75 से 80 फीसद किए जाने पर विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य की जा रही है। इसकी अनदेखी करने पर अभिभावकों को भी कॉलेजों में बुलाया जाएगा। कॉलेजों में अब 62 फीसद तक उपस्थिति में इजाफा उन्होंने कहा कि सरकार के नियमित प्रयासों से अब तक सरकारी कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति 42 फीसद से बढ़कर 62 फीसद हो चुकी है। इस व्यवस्था के बाद इसमें और इजाफा होगा। 
    उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। दूसरे दिन उच्च शिक्षा को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिवों, सरकारी डिग्री कॉलेज प्राचार्यों और उच्च शिक्षा निदेशालय के प्रतिनिधियों के साथ मंथन किया जाएगा। इस मंथन के बाद राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा के संबंध में सुझाव केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजे जाएंगे।

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