पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत बोले, कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा पंजाब का चुनाव
पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने पंजाब के कैबिनेट मंत्री व विधायकों की शिकायत सुन ली हैं और पार्टी की मजबूती के बारे में अपनी रा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। Punjab Election 2022 पंजाब कांग्रेस प्रभारी व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि पंजाब सरकार को अपने विधायकों से कोई खतरा नहीं है और न कांग्रेस को कोई नुकसान ही होने वाला है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। नेतृत्व परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है। वहीं, पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री व विधायकों का कहना है कि उनका विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। वह चाहते हैं कि चुनाव में पार्टी एक स्पष्ट रोडमैप के साथ उतरे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पंजाब सरकार के चार कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया, चरनजीत सिंह चन्नी के अलावा फिरोजपुर से विधायक कुलबीर जीरा और गुरदासपुर से विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा समेत तीन विधायक पंजाब कांग्रेस प्रभारी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात को बुधवार सुबह देहरादून पहुंचे। देहरादून के एक होटल में उनकी हरीश रावत के साथ बैठक हुई।

सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई बैठक करीब ढाई घंटे चली। बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पंजाब कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री और विधायकों ने यहां आकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत को लेकर चिंतित हैं। हरीश रावत ने कहा कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री व विधायकों की प्रशासन की कार्य पद्धति को लेकर कुछ शिकायतें हैं। कांग्रेस का कोई विधायक अगर खुद को असुरक्षित समझता है और मानता है कि प्रशासन उसे हराने की कोशिश कर सकता है या उसके खिलाफ काम कर सकता है तो यह बहुत चिंताजनक बात है।
हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने बैठक में पंजाब के मंत्रियों व विधायकों की शिकायतें सुनी और पार्टी की रीति-नीति से अवगत कराया। बकौल रावत, उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर किसी की कोई नाराजगी है तो यह पार्टी के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस के लिए यह बहुत आवश्यक है कि पंजाब में मिलकर चुनाव लड़ा जाए। रावत ने कहा कि मंत्री व विधायकों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें पार्टी और कांग्रेस हाईकमान पर पूरा विश्वास है। रावत ने कहा पंजाब से आए मंत्री व विधायकों की चिंता से हाईकमान को अवगत कराया जाएगा। एक-दो दिन के भीतर वह दिल्ली जाएंगे।
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उधर, पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बैठक के बाद कहा कि हम पंजाब के नागरिकों और पंजाब के विधायकों की भावनाओं को लेकर प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मिलने आए थे। वे हमारी बातों से संतुष्ट हैं। हम पंजाब के ऐसे मसले लेकर आए, जो अभी तक हल नहीं हुए हैं। हरीश रावत ने हमारी बात सुनकर हाईकमान से संपर्क करने की बात कही है। पंजाब के सभी मंत्री और विधायक बैठक के तत्काल बाद लगभग तीन बजे वापस लौट गए।
सत्ता और संगठन को साधने में हरीश रावत बने संकट मोचक
पंजाब की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अपने ही मंत्रियों व विधायकों के बागी तेवर एक बार बार सुर्खियों में हैं। चार वरिष्ठ मंत्रियों व तीन विधायकों ने सीधे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को निशाने पर तो नहीं लिया, लेकिन इशारों ही इशारों में यह जता दिया कि उनके खिलाफ प्रशासन अमरिंदर सिंह के इशारे पर काम कर रहा है।
मंगलवार को पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान बुधवार को उत्तराखंड पहुंच गया। असंतुष्ट मंत्री-विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को जब प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचा तो सबकी नजरें रावत के स्टैंड पर टिकी थीं। पार्टी के भीतर उपजे असंतोष को फिलहाल शांत करने और बीच का रास्ता तलाशने के मामले में पंजाब प्रभारी हरीश रावत संकटमोचक की भूमिका में दिखे। इससे पहले भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग में हरीश रावत ने प्रभारी के नाते मध्यस्थता कर डैमेज कंट्रोल किया था। ताजा मामला पंजाब सरकार के 30 से ज्यादा विधायकों के असंतोष से जुड़ा है। असंतुष्ट विधायकों के प्रतिनिधि के रूप में चार कैबिनेट मंत्री व तीन विधायक बुधवार को देहरादून पहुंचे।
बताया गया कि पिछले तीन दिनों से वे हरीश रावत से मिलने का समय मांग रहे थे। यहां पहुंचे पंजाब के चार मंत्री व तीन विधायकों ने हरीश रावत से भेंट की और अपनी शिकायतों से उन्हें अवगत कराया। इन वरिष्ठ मंत्रियों व विधायकों के साथ चली लंबी बैठक के बाद हरीश रावत ने एक बार फिर यह जताया कि पंजाब कांग्रेस में मचा बवाल फिलहाल शांत हो गया है। रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में कहा कि वह पार्टी में नए हैं।

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