साहब की प्रयोगशाला में फूला शहर का दम, एक मिनट की दूरी 10 मिनट में Dehradun News
दून पुलिस के नए ट्रैफिक प्लान प्रयोगों से जनता परेशान है। पुलिस का ताजा प्रयोग बुधवार सुबह मसूरी हाइवे पर जाखन में सामने आया और फिर शाम को दर्शनलाल चौक व बुद्धा चौक पर।
देहरादून, जेएनएन। 'घंटाघर से तहसील चौक वाया लैंसडौन चौक' और 'दून अस्पताल चौक से लैंसडौन चौक वाया बुद्धा चौक-दर्शनलाल चौक' का किसी को बताए बगैर वन-वे ट्रैफिक प्लान ट्रायल पर लागू करना जनता का 'वायरल' बन गया। बुधवार शाम पांच बजे से शुरू हुआ पुलिस का यह बेतुका ट्रायल कुछ ही देर में जनता का सिरदर्द बन गया। चारों तरफ जाम लग गया। हर सड़क पैक हो गई और किसी को समझ ही नहीं आया कि कहां से जाएं और कहां निकलेंगे। सभी सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें व जाम में फंसे लोगों की खीज साफ इशारा करती रही कि आखिर पुलिस को बिन-बताए ये बेतुकी तरकीब क्या सूझी कि आमजन की चकरघिन्नी बना डाली। बहरहाल, तीन घंटे बाद जब पुलिस ने यह ट्रायल बंद किया तो आमजन ने राहत की सांस तो ली, लेकिन यातायात सुचारू होने में करीब दो घंटे और लग गए।
महंगाई के इस दौर में और लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन पहले ही परेशान हैं, ऐसे में दून पुलिस के नए-नए ट्रैफिक प्लान प्रयोगों ने जनता की परेशानी और बढ़ा दी है। पुलिस का ताजा प्रयोग बुधवार सुबह पहले मसूरी हाइवे पर जाखन में सामने आया और फिर शाम को दर्शनलाल चौक व बुद्धा चौक पर। जाखन में भी पूरा दिन जाम लगा रहा और जमकर हंगामा हुआ।
स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर पुलिस के बेतुके प्लान का विरोध किया और एसएसपी से मुलाकात की। यह मामला थमा नहीं था कि जनता को सूचित किए बगैर पुलिस ने शाम पांच बजे वन-वे प्लान शहर के बीचोंबीच लागू कर आमजन को इधर से उधर घुमा दिया। जिले के नए पुलिस कप्तान अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर पुलिस ने दर्शनलाल चौक व बुद्धा चौक को वन-वे कर डाला।
मसलन, जो वाहन घंटाघर से दर्शनलाल चौक होकर तहसील चौक जाने चाहिए थे, उन वाहनों को दर्शनलाल चौक से लैंसडौन चौक-बुद्धा चौक होते हुए वापस दर्शनलाल चौक लाया गया। यानी, बेवजह उन्हें सिर्फ एक किमी का चक्कर ही नहीं कटाया गया, बल्कि समय और ईंधन, दोनों बर्बाद हुआ। इसी तरह जो लोग दून अस्पताल चौक और नगर निगम से बुद्धा चौक होते हुए लैंसडौन चौक जा रहे थे, उन्हें बुद्धा चौक से सीधे न भेजकर पहले दर्शनलाल चौक भेजा गया व वहां से वे लैंसडोन चौक तक गए। इतने पर ही पुलिस का बेतुका प्रयोग खत्म नहीं हुआ और जो वाहन तहसील चौक से दर्शनलाल चौक होकर लैंसडौन चौक जा रहे थे, पहले उन्हें घंटाघर भेजा गया और वहां से यू-टर्न लेकर वापस दर्शनलाल चौक लाया गया व वहां से लैंसडौन चौक भेजा गया। इतना ही नहीं जो वाहन सुभाष रोड से लैंसडौन चौक जाने थे, उन्हें भी बुद्धा चौक से दर्शनलाल चौक होकर लैंसडौन चौक भेजा गया।
खुद पुलिस कप्तान, एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र आर्य व सीओ ट्रैफिक राकेश देवली के साथ अपने ट्रायल का जायजा लेने आए पर शहर के बुरे हालात व आमजन का जाम में फंसने पर आक्रोश देख, कुछ ही देर में वह वापस लौट गए।
दरअसल, पुलिस ये दावा कर रही थी कि इस वन-वे प्लान से वाहन चालकों को कहीं भी लाल-बत्ती पर रुकना नहीं पड़ेगा और वे चलते रहेंगे, लेकिन यह दावा कुछ ही देर में हवा हो गया, जब पूरा शहर जाम में फंस गया। ट्रैफिक प्लान पूरी तरह ध्वस्त हो गया व पांच मिनट के सफर में डेढ़-दो घंटे जाम में बर्बाद हो गए। भारी भरकम पुलिस फोर्स व बैरियर लगाकर यह ट्रायल जबरन किया तो गया लेकिन पुलिस ने शहरी विकास के किसी भी विशेषज्ञ से सलाह लेना भी जरूरी नहीं समझा।
जनता चूंकि बेखबर थी तो पूरे शहर में हड़कंप की स्थिति बन गई। व्यापारी वर्ग भी असमंजस में पड़ गया कि आखिर यह क्या चल रहा। जाम में हर तरफ वाहनों की कतारें व हॉर्न की सांय-सांय। चौराहों पर पुलिस से वाहन चालकों की झड़पें। किसी जगह गिड़गिड़ाते लोग कि उन्हें बस सामने ही जाना है। कुछ ही देर में यह ट्रायल पुलिस व आमजन की मुसीबत बन गया। शाम पांच से रात आठ बजे तक तीन घंटे के इस ट्रायल ने न सिर्फ पुलिस के पसीने तो छुड़ाए बल्कि आमजन को 'अघोषित' जाम में भी फंसा दिया। यह देखना है कि पुलिस के इस तरह के बेतुके प्रयोग आखिरकार कब तक शहरवासियों के लिए मुसीबत बनेंगे।
वक्त, दिन, हालात सब खराब
नए ट्रैफिक प्लान के लिए पुलिस द्वारा चुना गया वक्त, दिन और हालात सबकुछ खराब रहा। बुधवार को स्कूलों में छुट्टी होने की वजह से बड़ी संख्या में छात्र भी पिकनिक मना रहे थे, ऊपर से जिस समय प्रयोग किया गया वह पीक-ऑवर था और आफिसों की छुट्टी होने पर बड़ी संख्या में वाहन सड़क पर थे। 'वक्त, दिन व हालात' की इस तिकड़ी से पुलिस का ट्रायल फेल हुआ ही, आजमन की जमकर मुसीबत भी आई।
एक मिनट की दूरी 10 मिनट में
पुलिस के इस प्लान से आमजन पर न सिर्फ पेट्रोल-डीजल की मार पड़ेगी बल्कि समय की दोहरी मार भी पड़ेगी। एक मिनट की दूरी अब करीब 10 मिनट की दूरी बन जाएगी। वो भी तब अगर जाम न लगा हो। मसलन, यदि किसी को बुद्धा चौक से सीधे लैंसडौन चौक जाना हो तो उसे करीब एक किमी लंबा चक्कर काटना पड़ेगा। वर्तमान प्लान में यह दूरी महज 100 मीटर है। इसी तरह घंटाघर से तहसील चौक जा रहे वाहन को भी करीब डेढ़ किमी लंबा फेरा लगाकर आना पड़ेगा, जबकि वर्तमान में ये फासला महज 100 मीटर है।
अतिक्रमण क्यों नहीं हटाते
पुलिस के नए-नए ट्रैफिक प्रयोगों से परेशान जनता का कहना है कि, यदि कुछ करना ही है तो अतिक्रमण हटाओ। इससे ट्रैफिक काफी हद तक खुद सुधर जाएगा। दुकानों के बाहर आधी सड़क सामान या वाहन से घिरी रहती है। सड़कों पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। पुलिस और जिम्मेदार विभागों का ध्यान इस ओर नहीं जाता।
पुलिस का नया ट्रैफिक प्लान
- घंटाघर से दर्शनलाल चौक हो तहसील चौक जाने वाले वाहन पहले लैंसडौन चौक होकर बुद्धा चौक जाएंगे व फिर दर्शनलाल चौक होते हुए तहसील चौक जाएंगे।
- सुभाष रोड व नगर निगम की तरफ से बुद्धा चौक होकर लैंसडौन चौक जाने वाले वाहन बुद्धा चौक से दर्शनलाल चौक होकर लैंसडोन चौक जाएंगे।
- तहसील चौक से दून अस्पताल चौक होकर बुद्धा चौक जाने वाले सभी वाहन दर्शनलाल चौक होकर लैंसडोन चौक की तरफ जाएंगे।
- तहसील चौक से दर्शनलाल चौक हो लैंसडोन चौक जाने वाले वाहन दर्शनलाल चौक से पहले घंटाघर जाएंगे और वहां से यू-टर्न लेकर फिर दर्शनलाल चौक होते हुए लैंसडौन चौक जाएंगे।
बोले एसएसपी साहब
एसएसपी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि घंटाघर, राजपुर रोड और चकराता रोड पर जाम की समस्या को देखकर यह प्लान बनाया है। इससे दर्शनलाल चौक पर लाल बत्ती पर समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। सीमित सड़क और वाहनों के दबाव को देखते हुए यह प्लान कारगर साबित हो सकता है। अभी इसे प्रयोग के तौर पर लिया गया है। सफल हुआ तो लागू किया जाएगा। इसमें जनता के सहयोग की जरूरत है। गुरुवार को भी इसका ट्रायल किया जाएगा।
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