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    सीएम के जनता दरबार में भी शराब की दुकानों का विरोध

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jun 2017 04:33 PM (IST)

    मुख्यमंत्री के जनता मिलन कार्यक्रम में भी शराब की दुकानों के विरोध का मुद्दा उठा। रायपुर व जोहड़ीगांव के प्रतिनिधिमंडल ने शराब की दुकानों को बंद करने की मांग रखी।

    सीएम के जनता दरबार में भी शराब की दुकानों का विरोध

    देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री के जनता मिलन कार्यक्रम में भी शराब की दुकानों के विरोध का मुद्दा उठा। रायपुर व जोहड़ीगांव से आए प्रतिनिधिमंडल ने रिहायशी क्षेत्रों में खोली जा रही शराब की दुकानों को बंद करने की मांग रखी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी को इस प्रकरण पर रिपोर्ट देने को कहा है। 

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    इस दौरान मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में फरियादियों की समस्याओं को सुना और समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्या निस्तारित होने की सूचना संबंधित व्यक्ति को दी जानी चाहिए।  

    न्यू कैंट रोड स्थित सीएम आवास के जनता दर्शन हॉल में जनता मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 40 से अधिक आर्थिक सहायता के प्रकरण रखे गए। मुख्यमंत्री ने इन प्रकरणों को गुणदोष के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता के जो प्रकरण चिकित्सा उपचार से संबंधित हैं, उनके साथ मेडिकल बिल तथा चिकित्सा उपचार संबंधी प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। 

    जो चिकित्सा बिल तथा चिकित्सा उपचार के प्रकरण मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निपटाए जा सकते हैं, उन्हें संबंधित विभागों को भेजा जाए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री आवास में सुबह से ही बड़ी संख्या में फरियादी जुटने शुरू हो गए थे। 

    सभी की शिकायतों को विभागवार रजिस्टर्ड किया गया और इसके बाद मुख्यमंत्री के सामने संबंधित प्रकरण रखे गए। कार्यक्रम में विशेष यह रहा कि मुख्यमंत्री ने दो बार लोगों की शिकायतों को सुना। पहले मुख्यमंत्री सुबह तकरीबन 11 बजे तक कार्यक्रम में रहे और इसके बाद राजभवन एक अन्य कार्यक्रम में शिरकत करने चले गए। वहां से वापस आकर उन्होंने फिर से समस्याओं को सुना। 

    उनकी अनुपस्थिति में प्रमख सचिव मनीषा पंवार, डॉ. उमाकांत पंवार, सचिव अमित नेगी, राधिका झा व आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा ने जनता की शिकायतों को सुना। 

    राजस्व मामलों में अलग अधिकारी होगा नियुक्त

    मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अधिकांश शिकायतें राजस्व संबंधी मामलों की हैं। इन समस्याओं के निस्तारण के लिए एक अलग अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

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