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    Private School: निजी स्कूल कर रहे सरकार के आदेशों को अनदेखा

    Pravate Schoolकोरोना संक्रमण फैलने के बाद सरकार और हाईकोर्ट में छात्रों की फीस वसूली के लिए कई नियम जारी कर दिए हैं। लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग लाख आदेश जारी कर लें लेकिन कई निजी स्कूल अपनी मनमानियों से बाज नहीं आ रहे।

    By Sumit KumarEdited By: Updated: Sun, 12 Sep 2021 10:33 PM (IST)
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    सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकार और शिक्षा विभाग कई आदेश जारी कर लें लेकिन कई निजी स्कूल अपनी मनमानियों से बाज नहीं आ रहे। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सरकार और हाईकोर्ट में छात्रों की फीस वसूली के लिए कई नियम जारी कर दिए हैं। सरकार ने साफ कहा है कि कोई भी स्कूल अभिभावकों पर फीस वसूली के लिए दबाव नहीं बना सकता।

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    फीस जमा करने में असमर्थ अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए पर्याप्त समय देना होगा। इस बीच बच्चे को आनलाइन कक्षा से बाहर नहीं किया जाएगा, न ही बच्चे का नाम स्कूल से काटा जाएगा। बावजूद इसके निजी स्कूल बच्चों को आनलाइन कक्षाओं से बाहर भी कर रहे हैं और स्कूल से नाम काटने की चेतावनी भी दे रहे हैं।

    अभिभावक संघ बोले विभाग की ढिलाई का नतीजा

    दून के अभिभावक संघों का दो टूक कहना है कि शिक्षा विभाग की ढिलाई का लाभ उठा कर ही निजी स्कूल अपनी मनमानी चलाते हैं। अभिभावक एकता समिति के अध्यक्ष लव चौधरी ने कहा कि अगर सरकार अभिभावकों को राहत देने के लिए कोई नियम-कानून बनाती भी है तो स्कूल उसे नहीं मानते। विभाग को केवल लिखित आदेश नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई करनी होगी, तभी निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी।

    नेशनल एसोसिएशन फार पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि निजी स्कूलों पर कोई भी नियम लागू करना सरकार या शिक्षा विभाग के लिए मानो नामुमकिन है। कोरोना के बाद से सरकार, हाईकोर्ट और शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कई आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी नियम बना कर लागू करवाने के निर्देश तो दे देती है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है।

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    लिखित शिकायत पर जांच के बाद होगी पूरी कार्रवाई

    मुख्य शिक्षाधिकारी देहरादून डा. मुकुल कुमार सती ने कहा कि शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आनलाइन पढ़ाई के दौरान केवल ट्यूशन फीस लेने की छूट दी गई थी। लेकिन छठी से 12वीं कक्षाओं के लिए प्रदेश में स्कूल खुल चुके हैं, इन कक्षाओं को पूरी ट्यूशन फीस लेने की छूट दी गई है। हालांकि, जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ हैं अगर वो स्कूल को लिखित प्रार्थना पत्र देकर अपनी समस्या बताते हैं तो उन्हें स्कूल को फीस जमा करने के लिए पर्याप्त समय देना होगा। इस बीच न तो आनलाइन कक्षा न ही स्कूल से छात्र को बाहर किया जाएगा। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है, तो वो शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत कर सकते हैं। शिकायत की पूरी जांच होने के बाद अगर स्कूल दोषी पाया जाता है तो स्कूल पर जुर्माना लगाने के साथ अन्य कार्रवाई भी जाएगी।

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