निजी चिकित्सकों ने 25 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का किया एलान, जानिए वजह
उत्तराखंड में निजी चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय नहीं मिलने पर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
देहरादून, जेएनएन। निजी चिकित्सकों ने 25 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय न मिलने से जाने से नाराज डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। आइएमए के प्रांतीय महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।
आपको बता दें कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को केंद्र सरकार ने साल 2010 में पारित किया था। साथ ही सभी राज्यों को इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में यह एक्ट साल 2013 में विधानसभा में पारित किया गया, लेकिन इसे अभी लागू नहीं किया जा सका है। इसकी वजह निजी चिकित्सकों को इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है। अगस्त में हाईकोर्ट ने राज्य में बगैर लाइसेंस और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत गैर पंजीकृत सभी अस्पतालों और क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दिया था।
इसपर स्वास्थ्य सचिव ने ये कहा कि एक्ट में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी, जिससे निजी चिकित्सकों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया। सरकार की तरफ से उन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया। आइएमए पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें यह तय हुआ कि इस पर बीच का रास्ता निकाला जाएगा। इसके लिए शासन, विभाग और चिकित्सकों की एक समिति का गठन किया गया। जिसके बाद आइएमए ने नर्सिंग होम एक्ट का प्रारूप तैयार किया।
स्वास्थ्य सचिव ने इसमें कुछ संशोधन की आवश्यकता बताई थी और संशोधित ड्राफ्ट भी अब तैयार है। आइएमए पदाधिकारियों का कहना है कि इस विषय में कई दिन पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा गया था, पर इसका जवाब तक नहीं दिया गया। इस बीच निजी चिकित्सकों पर लगातार रजिस्ट्रेशन कराने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सिवाय हड़ताल के कोई चारा नहीं बचा है।
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