Uttarakhand News: जनजातीय क्षेत्रों का होगा विकास, खुलेंगे 1000 होम स्टे! पांच करोड़ देगा केंद्र
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत केंद्र सरकार देशभर में 1000 होम स्टे विकसित करने का लक्ष्य बना रही है। उत्तराखंड के चकराता उत्तरकाशी चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के जनजातीय क्षेत्रों को इससे लाभ मिल सकता है प्रति गांव पांच से दस होम स्टे के लिए पांच करोड़ रुपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही राज्य की 670 सहकारी समितियां डिजिटल हो चुकी हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण l देहरादून: प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत देशभर में 1000 होम स्टे विकसित करने का लक्ष्य है। इसके तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के जनजाति बहुल क्षेत्रों में पांच-छह गांवों के समूह में प्रति गांव पांच से 10 होम स्टे के लिए पांच करोड़ रुपये तक की सहायता केंद्र सरकार उपलब्ध करा सकती है। इसमें उत्तराखंड के चकराता, उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ जिलों के जनजातीय क्षेत्रों को लाभ मिल सकता है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी है। सांसद त्रिवेंद्र ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन देशभर में तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की सुविधा के लिए होम स्टे सुविधा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने का विषय उठाया।
सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है
इससे संबंधित प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि वर्ष 2025-26 के बजट में होम स्टे इकाइयों के लिए संपार्श्विक रहित संस्थागत ऋण की घोषणा की गई है। यही नहीं, पर्यटन मंत्रालय द्वारा अतुल्य भारत बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के अंतर्गत होम स्टे को स्वर्ण व रजत श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा रहा है। साथ ही सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
राज्य में 670 सहकारी समितियां हो चुकी डिजिटल
उत्तराखंड में सहकारी समितियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने और ग्रामीण विकास को गति देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य की 670 बहुद्देश्यीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़ चुकी हैं। इन्हें नाबार्ड द्वारा विकसित साफ्टवेयर पर संचालित किया जा रहा है।
सांसद त्रिवेंद्र के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उन्हें यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 587 नई समितियां भी बनाई गई हैं, जो विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में संलग्न हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने यह भी बताया कि सहकारी समितियों को कंप्यूटर, बायोमीट्रिक डिवाइस, प्रिंटर, यूपीएस, वीपीएन कनेक्टिविटी डिवाइस सहित आधुनिक हार्डवेयर उपलब्ध कराए गए हैं। 13.48 करोड़ की इस योजना में 12.13 करोड़ रुपये केंद्र ने उपलब्ध कराए हैं।
हरिद्वार जनपद में बनेंगी 27 नई दुग्ध समितियां
हरिद्वार जिले में दुग्ध समितियों को भी मजबूती देने की योजना है। इसी कड़ी में वहां 27 नई दुग्ध समितियां बनाई जाएंगी और मौजूदा 25 समितियों को सशक्त किया जाएगा। यही नहीं, सहकारी आंदोलन को गति देने के लिए नई सहकारी समितियां भी खोलने की योजना है।
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