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    उत्तराखंड में अब घर बनाना हुआ आसान, प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप सर्विस शुरू

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 03:45 PM (IST)

    उत्तराखंड में घर बनाना अब और भी आसान हो गया है। सरकार ने प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप की सुविधा शुरू की है जिससे आवेदक ऑनलाइन माध्यम से आसानी से नक्शा प्राप्त कर सकेंगे। प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि आमजन को नक्शा स्वीकृति में कोई परेशानी न हो। आवास विभाग ने 815 प्री-अप्रूव्ड नक्शे तैयार कर लिए हैं।

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    प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण को जारी किए निर्देश। प्रतीकात्‍मक

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। सरकार ने घर बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में भवन बनाने वालों को प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप की सुविधा मिलेगी। इसे आवेदक आनलाइन माध्यम से आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

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    प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी कर उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिए कि आमजन को भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में किसी तरह की परेशानी न हो। सभी विकास प्राधिकरणों को इस व्यवस्था का पालन करते हुए इसके लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को आवेदन करने में समस्या न हो।

    बिना ज्यादा झंझट के भवन निर्माण

    नई व्यवस्था के तहत राज्य में अब ईज एप के जरिये प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप उपलब्ध होंगे। इन अप्रूव्ड नक्शों का इस्तेमाल कर आवेदक बिना ज्यादा झंझट के भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। आवास विभाग ने पहले ही 815 प्री-अप्रूव्ड नक्शे तैयार कर लिए हैं, जिन्हें अब आनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इस व्यवस्था से नक्शे पास कराने के अवरोध व भागदौड़ बचेगी।

    निर्धारित शर्तों और उपबंधों के अनुरूप ही नक्शा स्वीकार होगा। भवन निर्माण का कार्य संबंधित नक्शे के अनुरूप पूर्ण होना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आवास विभाग की ओर से कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। प्री-अप्रूव्ड मैप के आधार पर भवन निर्माण करने पर मैप को अलग से डिजाइन कराने की आवश्यकता नहीं होगी।

    यदि नक्शे से अलग निर्माण पाया गया तो संपूर्ण जिम्मेदारी आवेदक की होगी और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। नई व्यवस्था के तहत प्राधिकरण की वेबसाइट और सुरक्षा पोर्टल पर स्वप्रमाणन के आधार पर ही भवन निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। आवेदकों को यह प्रमाणित करना होगा कि उनका निर्माण कार्य अनुमोदित नक्शे के अनुसार हो रहा है।