Positive India: गंदगी के आगे योद्धा बन खड़ी हैं अनीता, खुद से पहले है देश की चिंता
कोरोना महामारी को लेकर एक तरफ लोगों में डर का माहौल है। वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जो इस डर से पार पाकर अपने कर्तव्य के निर्वहन में जुटे हैं। इन्हीं में से एक हैं अनीता।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी को लेकर एक तरफ जहां लोगों में डर का माहौल है। वहीं, कई ऐसे भी लोग हैं जो इस डर से पार पाकर अपने कर्तव्य के निर्वहन में जुटे हैं। इन्हीं में से एक हैं सफाई कर्मचारी अनीता। संकट के इस दौर में भी वह हर रोज नियत समय पर शहर की गलियों और सड़कों को गंदगी से मुक्त करने निकल पड़ती हैं, जिससे शहरवासी संक्रमण से सुरक्षित रहें। अनीता ये भी कहती हैं कि डर तो लगता है, लेकिन देश के आगे खुद की चिंता नहीं।
अनीता कहती हैं कि अगर सफाई कर्मचारी ही अपने कर्तव्य से पीछे हट जाएंगे, तो हालात और भी बुरे हो जाएंगे। इसलिए वह सफाई करने के साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी कर रही हैं। अनीता कहती हैं कि ऐसी परिस्थिति देखकर मन में कहीं न कहीं डर तो है, लेकिन जब देश संकट में हो तो खुद की चिंता बहुत छोटी बात हो जाती है। वह साफ-सफाई के दौरान सुरक्षा उपायों का भी पूरा ख्याल रखती हैं।
सैनिटाइज होकर मिलती हैं परिवार से
अनीता की ड्यूटी भंडारी बाग, पटेलनगर में है। रोजाना कई घंटे तक काम करना पड़ रहा है। लेकिन, सबसे ज्यादा चिंता इस बात की रहती है कि संक्रमण घर में न दाखिल हो। इसके लिए वह खुद को पूरी तरह सैनिटाइज करने के बाद ही परिवार से मिलती हैं।
तारीफ से बढ़ता है हौसला
अनीता पहले जब काम पर निकलती थीं, तो कोई ध्यान नहीं देता था। पर प्रधानमंत्री के उन सभी को कोरोना योद्धा कहकर संबोधित करने के बाद से लोग उनके काम की तारीफ करने से नहीं चूकते। इससे उनका हौसला बढ़ता है। बकौल अनीता उनके काम की सफलता तभी है, जब लोग फिजिकल डिस्टेंस का पालन कर कोरोना को हराने में मददगार बनेंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए रेलवे हेल्थ सुविधा उपलब्ध
अब केंद्रीय कर्मचारी अपना आइडी कार्ड दिखाकर रेलवे हॉस्पिटल और हेल्थ यूनिटों में इलाज करवा सकते हैं। भारतीय रेलवे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेल्थ डॉ. विजय कुमार ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। देहरादून रेलवे स्टेशन के वाणिज्य निरीक्षक एसके अग्रवाल ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ता देख केंद्रीय कर्मचारियों को सुविधा दी है। इस नियम को 28 मार्च से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
रेलवे कर्मचारियों के परिजनों की पढ़ाई का ब्योरा मांग रहा रेलवे
मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद तरुण प्रकाश ने रेलवे कर्मचारियों से उनके परिवार के लोगों की जानकारी मांगी है। जिसमें नाम पता के साथ पढ़ाई लिखाई का ब्योरा भी मांगा है। ताकि आपातकालीन स्थिति में जिन्होंने मेडिकल स्ट्रीम से पढ़ाई की है, जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके।
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24 घंटे काम करने को तैयार रहें अधिकारी-कर्मचारी
देहरादून रेलवे स्टेशन के निदेशक गनेश चंद ठाकुर ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर 24 घंटे काम करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
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