Lockdown में खोद डाली सड़क और लोक निर्माण विभाग को नहीं लगी भनक, हो सकता है बड़ा हादसा
निर्माण कार्य को लेकर बड़ी अनदेखी सामने आई है। वीआइपी राजपुर रोड पर सड़क खोद डाली गई और इसकी जानकारी न तो प्रशासन को और न ही सड़क के स्वामी लोक निर्माण विभाग को।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन में निर्माण कार्य को लेकर बड़ी अनदेखी सामने आई है। वीआइपी राजपुर रोड पर सड़क खोद डाली गई और इसकी जानकारी न तो प्रशासन को और न ही सड़क के स्वामी लोक निर्माण विभाग को। गंभीर यह है कि सड़क पर अभी किसी भी तरह का काम नहीं चल रहा और मलबा भी जहां-तहां बिखेर रखा है। इसके चलते नेशविला रोड को राजपुर रोड से जोड़ने वाला हिस्सा 85 फीसद बाधित हो चुका है। यहां पर एक बड़ा गड्ढा भी है, जो हर समय हादसे को न्योता देता दिख रहा है।
जिस भी एजेंसी ने इस सड़क को खोदा, उसने बेहद गैर जिम्मेदाराना ढंग से यह काम किया। दो मई को यह मामला तब सामने आया जब रोड कटिंग में जल संस्थान की पेयजल लाइन कट गई। इसके बाद संबंधित ठेकेदार काम छोड़कर भाग खड़े हो गए। जल संस्थान ने जैसे-तैसे लाइन को जोड़ दिया। हालांकि, लोनिवि ने तब भी इसका संज्ञान नहीं लिया। अधिकारियों ने मान लिया कि यह काम जल संस्थान का है और उन्हें ही सड़क को दुरुस्त करना होगा।
वहीं, जल संस्थान के अधिकारी स्मार्ट सिटी कंपनी पर तोहमत मढ़ने लगे, क्योंकि इसी के दूसरे छोर पर स्मार्ट सिटी कंपनी स्मार्ट रोड के तहत सीवर लाइन बिछाने का काम कर रही है। हालांकि, स्मार्ट सिटी कंपनी ने भी स्पष्ट किया है कि इस खुदाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है। अब सवाल फिर वहीं पर आकर ठहर गया है कि आखिर सड़क को किसने खोदा। क्या इसकी अनुमति ली गई है। अगर ली गई है, तो लोनिवि प्रांतीय खंड को इसकी जानकारी क्यों नहीं है। नियम यही कहते हैं कि जब भी रोड कटिंग की जाती है तो उसकी एनओसी पहले लोनिवि के संबंधित खंड से लेनी होती है। रोड कटिंग की निर्धारित राशि भी खंड में जमा करानी होती है, जिससे सड़क की समय पर मरम्मत कराई जा सके।
बेशक लोनिवि को किसी अनुमति की जानकारी नहीं है, मगर जब सड़क की जिम्मेदारी लोनिवि प्रांतीय खंड की है तो क्यों बिना अनुमति सड़क खोदने वाली एजेंसी की पड़ताल नहीं कराई जा रही। क्योंऐसा करने वालों के खिलाफ एफआइआर नहीं कराई जा रही। यह सवाल सरकारी संपत्ति और जनता की सुरक्षा जैसे मामले से भी जुड़ा है।
ओएफसी निकली है बाहर
जहां पर सड़क को खोदा गया है, वहां ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) बाहर निकली है। जिससे लोनिवि अधिकारी यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि किसी दूरसंचार कंपनी ने सड़क की खुदाई की है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि जिस भी निर्माण एजेंसी ने बिना अनुमति और जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर सड़क खोदी है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोनिवि प्रांतीय खंड से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।
दून मेडिकल कॉलेज का काम पड़ा बंद
23 अप्रैल को जब दून में केंद्र और राज्य सरकार की परियोजनाओं को काम करने की सशर्त छूट दी गई तो दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी से संबंधित निर्माण कार्य भी शुरू करा दिए गए। एक-दो दिन यहां पर काम भी नजर आया। मगर, अब यहां पुराने और नए अस्पताल भवन को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज का काम बंद पड़ा है। लॉकडाउन में जब सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम है तो इस तरह के काम आसानी से किए जा सकते हैं। फिर भी निर्माण एजेंसी इसका लाभ नहीं उठा पा रही।
बीरपुर पुल का काम भी नहीं हो पाया शुरू
जिस उत्साह के साथ लोनिवि प्रांतीय खंड ने बीरपुर पुल के निर्माण को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रशासन से ली थी, वह उत्साह धरातल से गायब है। करीब 10 दिन बाद भी अधूरे पुल का निर्माण आगे नहीं बढ़ पाया।
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दून शहर में इन पर चल रहा काम
स्मार्ट रोड, पलटन बाजार में नाली निर्माण, परेड ग्राउंड का सुधारीकरण, पेयजल लाइन का निर्माण (सर्वे चौक से नेहरू कॉलोनी तक)