देहरादून में नशे में धुत्त थानाध्यक्ष ने मचाया कोहराम, खाकी के बदले सुर; आरोपित को जमानत
देहरादून के राजपुर में थानाध्यक्ष शैंकी कुमार ने नशे में तीन वाहनों को टक्कर मारी। एसएसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया लेकिन थाने से जमानत मिल गई। पुलिस का कहना है कि सड़क किनारे खड़े वाहनों को टक्कर मारी गई जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस पर थानाध्यक्ष को बचाने का आरोप लग रहा है क्योंकि सामान्य मामलों में भी आरोपितों को तुरंत जमानत नहीं मिलती।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राजपुर में बुधवार रात को नशे में धुत तत्कालीन थानाध्यक्ष शैंकी कुमार द्वारा अपनी निजी कार से तीन वाहनों को टक्कर मारने की घटना के बाद अब पुलिस अधिकारियों के सुर बदल गए हैं। भले ही एसएसपी ने उसे निलंबित कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन बुधवार रात ही उसे थाने से जमानत दे दी गई।
पुलिस का दावा है कि आरोपित थानाध्यक्ष ने सड़क किनारे खड़े वाहनों में टक्कर मारी है, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। जबकि घटना के वायरल वीडियो से साफ है कि थानाध्यक्ष भयंकर नशे में था। थानाध्यक्ष के साथ कार में कुछ बाहरी लोगों के होने की भी बात सामने आ रही है। लेकिन, पुलिस ने इन सब बिंदुओं पर पर्दा डाल दिया है। आंशका है कि पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल, पुलिस सामान्य एक्सीडेंट की घटना होने पर आरोपितों को कई दिनों तक थाने में बैठाकर रखने के बाद कोर्ट में पेश करती है। जिसके बाद आरोपिताें को जमानत मिलती है। इसी तरह, सामान्य ड्रिंक एंड ड्राइव केसों में भी पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर थाने में बिठा लेती है। लेकिन थानाध्यक्ष की घटना में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही उसे थाने से जमानत पर रिहा कर दिया।
सड़क किनारे खड़े वाहनों में किसी के बैठे न होने से पुलिस ने कानूनी तौर पर इस घटना को सामान्य में निपटाने का प्रयास किया है। जबकि थानाध्यक्ष के वाहन की रफ्तार इतनी तेज थी कि टकराए हुए तीनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। अगर, वाहनों में कोई बैठा होता तो उसे भी गंभीर चोट आ जाती है। पुलिस ने इस घटना को नजीर बनाने की बजाय थानाध्यक्ष को बचाने का अधिक प्रयास किया है।
न एल्कोमीटर से हुई जांच, न हुआ चालान
पुलिस सामान्यता ड्रिंक एंड ड्राइव के केस में एल्कोमीटर से जांच कर वाहन चालक का त्वरित रूप से 10 हजार रुपये चालान करती है। साथ ही आरोपित चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त करने की कार्रवाई की जाती है। लेकिन थानाध्यक्ष के मामले में पुलिस ने न तो उसकी एल्कोमीटर से जांच की और न ही उसका चालान किया गया। घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस उसके शराब पीने की पुष्टि नहीं कर सकी। पुलिस का दावा है कि थानाध्यक्ष के लिए ब्लड सैंपल की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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