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फर्जीवाड़ा कर कार बेचने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने दबोचा

पुलिस और एसओजी ने फर्जीवाड़ा कर कारें बेचने वाले गैराज मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 12:19 PM (IST)
फर्जीवाड़ा कर कार बेचने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने दबोचा
फर्जीवाड़ा कर कार बेचने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने दबोचा

देहरादून, जेएनएन। राजपुर पुलिस और एसओजी ने फर्जीवाड़ा कर कारें बेचने वाले गैराज मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से चार कारें भी बरामद की गई हैं। जिनमें दूसरी कारों के इंजन लगे हुए हैं। आरोपितों में एक की आरटीओ ऑफिस में सेटिंग थी। वह गाड़ियों का बिना फिजिकल निरीक्षण कराए उनके कागज तैयार कराता था। जिससे फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आ पाता था।

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एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि 25 जनवरी को दौलत सिंह पुत्र धोंकर सिंह निवासी ग्राम सिलकोटी, सहस्रधारा ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई। बताया कि उन्हें कार की आवश्यकता थी। इसी बीच उनकी मुलाकात नसीम अख्तर निवासी जोहड़ी से हुई। उसका कुठालगेट पर वीआइपी के नाम से गैराज है। उसने 2017 में उन्हें आल्टो कार एक लाख रुपये में दी। 

गाड़ी की आरसी और ट्रांसफर के पेपर आदि भी आरटीओ से नसीम ने ही उनके नाम पर बनवा कर दिए थे। बताया कि बीती 25 जनवरी को वह अपनी गाड़ी साफ कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने गाड़ी के इंजन नंबर और चेसिस नंबर को चेक किया और उसका अपनी गाड़ी की आरसी से मिलान किया तो उसका इंजन नंबर अलग था। इसके बाद उन्होंने नसीम से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। 

एसएसपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसओजी और थाना राजपुर पुलिस की टीम गठित की गई। टीम ने 26 जनवरी को नसीम अख्तर पुत्र मोहम्मद इस्माइल निवासी वारसीनगर, मुरादाबाद, संजय कुमार पुत्र जसवंत सिंह निवासी नारायणगढ़, जिला अंबाला, हाल निवासी अमन बिहार, रायपुर व उपेंद्र सकलानी पुत्र शक्ति प्रसाद निवासी कसोली, नैनबाग टिहरी हाल निवासी तपोवन एन्क्लेव, रायपुर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जब गैराज को चेक किया गया तो वहां से चार कार बरामद की गई। चेक करने पर उनके इंजन नंबर, आरसी से भिन्न पाए गए।

आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों की मिलीभगत भी आ रही सामने: फर्जीवाड़े में आरटीओ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। आरोपित उपेंद्र सकलानी ने बताया कि उसकी आरटीओ ऑफिस में अच्छी जान पहचान है। सेटिंग होने के कारण वह गाड़ियों का बिना फिजिकल निरीक्षण कराए ही उन गाड़ियों के कागजात एक स्वामी से दूसरे स्वामी के नाम पर ट्रांसफर करा देता था। नसीम की ओर से लाई जाने वाली गाड़ियों के कागजात वही बनवाता था।

संजय लाकर देता था इंजन और गाड़ियों के पार्ट्स

आरोपितों में नसीम अख्तर मैकेनिक है और गैराज उसी ने खोल रखा था। संजय कुमार व उपेंद्र सकलानी उसके पार्टनर थे। संजय कुमार नसीम को इंजन व गाड़ियों के पार्ट्स लाकर देता था और नसीम उन इंजनों को पुरानी गाड़ियों में फिट व चेसिस नंबर बदलकर ग्राहकों को बेच देता था। पूछताछ में संजय कुमार ने बताया कि इंजन व बॉडी कम दाम पर वह मुजफ्फरनगर से सलमान और दिल्ली के तिलकनगर से दीदार सिंह व मायापुरी से खरीदकर लाता था।

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