सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करते थे ठगी, एसटीएफ ने गिरोह के तीन शातिर को किया गिरफ्तार
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने युवकों से भर्ती परीक्षा में पेपर करवाने और नौकरी दिलवाने के नाम से रुपये ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को रु ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से रुपये ठगने वाले गिरोह के तीन शातिर को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। इन दिनों शातिर प्रस्तावित एपीओ (सहायक अभियोजन अधिकारी) परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों से संपर्क कर ठगने की कोशिश में जुटे थे।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले वन दारोगा भर्ती परीक्षा के दौरान एक आडियो वायरल हुआ था, जिसमें 12 लाख रुपये में पेपर उपलब्ध करवाने का दावा किया जा रहा था। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो मंजीत सिंह निवासी इब्राहिम पथरी, हरिद्वार का नाम सामने आया। एसटीएफ ने बुधवार को रुड़की से मंजीत सिंह के अलावा सुधीर निवासी सैनपुर देवबंद सहारनपुर, डेविड निवासी बाकरपुर लक्सर, हरिद्वार को गिरफ्तार किया।
फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लेते थे पैसे
आरोपित भविष्य में होने वाली सरकारी विभागों की भर्ती परीक्षाओं के संबंध में पूरी जानकारी हासिल कर लेते थे। इसके बाद अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध करवाने व पास करवाकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे लेते थे। अभ्यर्थी को आरोपित फर्जी नियुक्ति पत्र थमाते थे। आरोपित सुधीर ने कोलकाता के एक व्यक्ति बिजेन मंडल से सेना में नौकरी दिलवाने के नाम पर दो लाख रुपये लिए थे। बाद में आरोपित ने बिजेन मंडल को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था। इस काम में डेविड व मंजीत ने उसकी सहायता की थी।
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एपीओ परीक्षा के अभ्यर्थियों को ठगने की थी तैयारी
एसएसपी ने बताया कि 21 नवंबर को उत्तराखंड में एपीओ की परीक्षा होनी है। इसके लिए आरोपित जाल बिछा रहे थे। सहारनपुर के रहने वाले सुधीर के फोन से एक एडमिट कार्ड भी मिला है। आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल, एक लैपटाप व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। हालांकि प्राथमिक जांच में आरोपितों के किसी परीक्षा केंद्र या पेपर लीक करवाने आदि की पुष्टि नहीं हुई है।
तीनों आरोपित डिप्लोमा होल्डर
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपित आइटी (सूचना प्रौद्योगिकी) में डिप्लोमा कर चुके हैं। आरोपितों के खिलाफ सहारनपुर, दिल्ली, मुंबई और राजस्थान के जोधपुर में रुपयों के लेन-देन के मुकदमे दर्ज हैं। इन्होंने एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया हुआ है, जिससे वह ठगी की शुरुआत करते थे। वह ठगी के शिकार अपने आसपास वाले अभ्यर्थियों को ही बनाते थे।

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