पीएम स्वनिधि योजना का दूसरा फेज शुरू, लोन का अमाउंट बढ़ाया; खुलेंगे स्वरोजगार के द्वार
देहरादून नगर निगम पीएम स्वनिधि योजना के दूसरे चरण को लागू कर रहा है जिसका उद्देश्य रेहड़ी-ठेली वालों को आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के तहत ऋण की राशि बढ़ा दी गई है और समय पर भुगतान करने पर 1600 रुपये की छूट भी मिलेगी। पहले चरण में हजारों लाभार्थियों को ऋण दिया गया और अब ऋण सीमा को भी बढ़ाया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। स्वरोजगार को बढ़ावा देने और शहरी व अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-ठेली संचालकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना का दूसरा चरण शुरू हो चुका है।
नगर निगम देहरादून भी इस योजना को तेजी से धरातल पर उतारने में जुट गया है। योजना के तहत मिलने वाले ऋण की धनराशि बढ़ा दी गई है और समय पर भुगतान करने वालों को 1600 रुपये प्रति वर्ष रिबेट भी दी जा रही है।
नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि पहले चरण में रेहड़ी-ठेली, नाई, मोची, ठेला-रिक्शा चालक, हाकर, दूध वितरक, फल-सब्जी विक्रेता, चाय-पान की दुकानें और फास्ट फूड ठेलियों को ऋण उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सहयोग किया जा रहा है।
योजना के भाग एक में नगर निगम कुल 5984 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। इस दौरान जून 2020 से 15 सितंबर 2025 तक नगर निगम ने कुल नौ करोड़ 16 लाख रुपये का ऋण वितरण कराया। हालांकि, 293 आवेदन अभी बैंक स्तर पर लंबित हैं, जिन्हें योजना के दूसरे भाग में प्राथमिकता दी जाएगी।
नगर निगम के अनुसार, देहरादून में 15 हजार से अधिक रेहड़ी-ठेलियां सड़कों पर लग रही हैं। कई स्थानों पर अस्थायी वेंडिंग जोन भी बनाए गए हैं। वहीं, फास्ट फूड की दुकानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। सरकारी सहयोग मिलने के बाद छोटे कारोबारियों और वेंडरों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर लांच किए गए दूसरे भाग के साथ और व्यापक हो गई है। इससे छोटे स्तर पर काम करने वाले लोगों को स्वरोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही, साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी।
ऋण की राशि और नई सुविधाएं
- पहले चरण में 10,000 तक का ब्याज मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 15,000 कर दिया गया है।
- पहले चरण में नियमित भुगतान करने वाले लाभार्थी अब आगे बढ़ते हुए 25,000 से 50,000 तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
- पहली बार योजना में सफलतापूर्वक भुगतान करने वाले लाभार्थियों को 30,000 की नई क्रेडिट लिमिट भी उपलब्ध होगी।
- आनलाइन ऋण भुगतान पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (रिबेट) को 1200 से बढ़ाकर 1600 प्रति वर्ष कर दिया गया है।
ब्याज सब्सिडी
- पहले वर्ष के ऋण पर सात प्रतिशत ब्याज सब्सिडी केंद्र सरकार देती है। इसके अतिरिक्त अब दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी उत्तराखंड सरकार की ओर से भी उपलब्ध कराई जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया
आवेदनकर्ता अपने दस्तावेज़ नगर निगम कार्यालय के पीआइयू भवन में जमा कर सकते हैं। साथ ही, वे जनसमर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। नगर निगम और बैंक आवेदकों को आवेदन प्रक्रिया पूरी करने और दस्तावेज अपलोड करने में सहयोग करेंगे।
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