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    Badrinath Kedarnath Dham: पीएम मोदी बोले- बदरीनाथ धाम का आध्यात्मिक स्वरूप रहे बरकरार, केदारनाथ निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 09 Sep 2020 10:50 PM (IST)

    पीएम के समक्ष वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिग द्वारा बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई।

    Badrinath Kedarnath Dham: पीएम मोदी बोले- बदरीनाथ धाम का आध्यात्मिक स्वरूप रहे बरकरार, केदारनाथ निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। Badrinath Kedarnath Dham प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बुधवार को श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान में धाम का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहना चाहिए। बदरीशपुरी को मिनी स्मार्ट व स्प्रिचुअल सिटी के रूप में विकसित करने के निर्देश उन्होंने दिए। 

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के प्रस्तुतीकरण के दौरान अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित नहीं होना चाहिए। यह पूर्ण रूप से आध्यात्मिक होना चाहिए। धाम में होम स्टे विकसित करने और निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ने को कहा गया। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था करने पर उन्होंने जोर दिया। 

    मास्टर प्लान पर्वतीय परिवेश के अनुकूल

    बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हेक्टेयर का क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित होगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है। इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर 481 करोड़ खर्च आएगा। 

    केशव प्रयाग विकसित करने का दिया सुझाव

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय व्यक्तियों का सहयोग मिल रहा है। नजदीकी गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशव प्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। 

    बदरीनाथ में 12 महीने तक काम मुमकिन

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बदरीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। परियोजना पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा काफी सुगम हो जाएगी। 

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    ब्रहम कमल नर्सरी को जगह चयनित

    मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल पर तेजी से काम चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। ब्रहम कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिह््िनत किया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज के पुनर्निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

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