PM Modi in Dehradun: प्रधानमंत्री मोदी देखेंगे उत्तराखंड के औद्योगिक विकास की तस्वीर, अब एमएसएमई की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी देहरादून में उत्तराखंड के औद्योगिक विकास की समीक्षा करेंगे। सरकार का लक्ष्य राज्य में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देना और उनकी संख्या बढ़ाना है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वह राज्य के औद्योगिक विकास की वर्तमान स्थिति का जायजा लेंगे और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। आर्काइव
अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून । मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस अवधि में राज्य ने औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। रविवार को राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष ''विकसित भारत-2047'' के लक्ष्य में उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र की भूमिका किस प्रकार अहम रहेगी, इसका प्रदर्शन किया जाएगा। उद्योग विभाग की ओर से एमएसएमई सेक्टर का पर्वतीय जनपदों में कैसे दायरा बढ़ाया जाएगा और राज्य के अधिक से अधिक युवा स्टार्टअप को अपनाकर स्वयं एक सफल उद्यमी बनें, इसकी भावी योजनाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा।
25 वर्षों की औद्योगिक यात्रा का प्रस्तुतीकरण
वर्ष 2000-2001 में जहां राज्य में मात्र 14,163 हजार उद्योग थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 93,887 पहुंच गई है। इसमें बड़े उद्योग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) इकाइयां शामिल हैं। इन उद्योगों में 55.58 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे पांच लाख 91 हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इस प्रकार यात्रा को डाक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
अब 2.56 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का लक्ष्य
वर्ष 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में राज्य में 3.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर करार हुए थे। इनमें से अब तक एक लाख करोड़ के प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अब शेष रह गए 2.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को किस प्रकार धरातल पर उतरा जाएगा, इसका रोडमैप भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। विशेष रूप से आइटी सेक्टर और तकनीकी आधारित उद्योगों को प्रशिक्षित व दक्ष जनशक्ति की आवश्यकता को भी सामने रखा जा रहा है।
स्वरोजगार बढ़ाने और पलायन रोकने की योजनाएं
राज्य में सोलर ऊर्जा, औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती, फूलों की खेती, पर्यटन, रिवर राफ्टिंग, एडवेंचर, तीर्थाटन, स्थानीय, होम स्टे, लोकल उत्पादों पर आधारित कुटीर उद्योग आने वाले समय में न केवल उत्तराखंड की आर्थिकी को सबल बनाएंगे, बल्कि पहाड़ों से पलायन राेकने में छोटे उद्योग कैसे बड़ी भूमिका निभाएंगे इसे भी प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
उद्योगों को मिलेगी दक्ष श्रम शक्ति
उद्योगों को कुशल कामगार मिलें, इस दिशा में सरकार की भावी योजनाओं को सामने रखा गया है। राज्य में युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने के लिए देवभूमि उद्यमिता संस्थान उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को कैसे नवाचार से जोड़ रहा है, इसका ब्योरा भी रखा जाएगा। साथ ही आगामी 10 वर्षों की सिडकुल की भावी योजनाओं का खाका खींचा गया है। आइटीआइ एवं पालीटेक्निक के छात्र-छात्राओं को कौशल विकास का विशेष प्रशिक्षण देकर उद्योगों की जरूरतों को पूरा किए जाने की योजना बनाई गई है।
औद्योगिक विकास का रोडमैप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। निवेशक सम्मेलन में हुए निवेश करारों में से शेष रह गए 2.56 करोड़ के प्रस्तावों की ग्राउंडिंग की भावी रणनीति को भी रखा जाएगा। विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखकर औद्योगिक विकास का खाका तैयार किया गया है। - विनय शंकर पांडे, सचिव, उद्योग

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