प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के लिए अप्लाई किया है क्या? तो दलालों से जरा बच कर रहें
देहरादून नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत आवास निर्माण के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस बीच दलाल सक्रिय हो गए हैं और योजना का लाभ दिलाने के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। महापौर ने आवेदन प्रक्रिया को निशुल्क बताया है और दलालों से सतर्क रहने की अपील की है। योजना के तहत 2.75 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

विजय जोशी, जागरण देहरादून। आवासविहीन शहरी आबादी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण योजना चलाई जा रही है। जिसके लिए नगर निगम ने आवेदन आमंत्रित किए हैं। हालांकि, योजना के पहले चरण में प्राप्त हजारों आवेदनों में से महज गिनती के परिवारों को ही छत मिल सकी।
इस बीच दूसरे चरण की योजना लागू हो गई है और आवास निर्माण के लिए 2.75 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए इन दिनों नगर निगम में भीड़ उमड़ रही है। वहीं, बस्ती में रहने वाले पात्रों को ठगने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। निगम कार्यालय परिसर में दलाल घूम रहे हैं और योजना का लाभ दिलाने के लिए झांसा देकर अवैध वसूली कर रहे हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 की शुरुआत सितंबर 2024 में की गई थी और यह अगले पांच वर्षों के लिए यह योजना प्रस्तावित है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को आवास निर्माण या खरीद में केंद्रीय सहायता प्रदान करना है।
महापौर ने बताया कि 2.25 लाख की सहायता केंद्र सरकार और 50 हजार रुपये राज्य सरकार की ओर से लाभार्थियों को दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत खाली भूखंड पर मकान बनाने वाले या कच्चे मकानों में रह रहे परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत विधवा, एकल महिला, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक और सफाई कर्मियों जैसे वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
इन दिनों नगर निगम में योजना का लाभ पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया और दस्तावेजों की जानकारी न होने के कारण वह दलालों के फेर में फंस रहे हैं। शिकायत है कि दलाल, आवेदन प्रक्रिया और योजना का लाभ सुनिश्चित करने के नाम पर एक हजार से पांच हजार तक की रकम अवैध रूप से वसूल रहे हैं। पीड़ितों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी कि उन्होंने कुछ व्यक्तियों को पांच हजार रुपये दिए हैं, जिन्होंने उन्हें योजना के तहत लाभ दिलाने की गारंटी दी है।
निश्शुल्क है आवेदन प्रक्रिया, ठगी से रहें सतर्क
महापौर सौरभ थपलियाल ने यह स्पष्ट किया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है और किसी भी बिचौलिए के झांसे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर कोई पैसे मांगता है या गुमराह करता है, तो वे सीधे नगर निगम से संपर्क करें। योजना पारदर्शी और लाभार्थी केंद्रित है।
पात्रता मानदंड
योजना में वही परिवार पात्र होंगे जिनमें पति-पत्नी और अविवाहित बेटे-बेटियां शामिल हैं और जिनके पास किसी भी राज्य या शहर में पक्का आवास नहीं है।
साथ ही, जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में किसी अन्य आवासीय योजना का लाभ नहीं लिया हो, वही इसके अंतर्गत लाभ के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा, लाभार्थी को 01 सितंबर 2024 से पहले नगर निगम क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए योजना के तहत बने मकान महिला मुखिया के नाम या पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर होंगे।
आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक और परिवार के सभी सदस्यों का आधार विवरण
- आवेदक का बैंक खाता विवरण (जो आधार से जुड़ा हो)
- तीन लाख रुपये से कम आय का प्रमाण पत्र या स्व-घोषणा
- भूमि संबंधी दस्तावेज (लाभार्थी आधारित निर्माण घटक के अंतर्गत)
- स्व-घोषित शपथ पत्र
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