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    उत्तराखंड में नए शहरों की प्‍लानिंग तेज, UIIDB को सौंपी दस नई सिटीज की टोपोग्राफी रिपोर्ट

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 12:36 PM (IST)

    उत्तराखंड में नए शहरों को बसाने के लिए राज्य सरकार ने नीतिगत बदलाव किए हैं। ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं के तहत 22 स्थान चुने गए हैं, जिनमें ब ...और पढ़ें

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    राज्य सरकार ने नीतिगत बदलावों के साथ ही धरातल पर कार्य तेज. File

    अश्वनी त्रिपाठी, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में नए शहर बसाने के लिए राज्य सरकार ने नीतिगत बदलावों के साथ ही धरातल पर कार्य तेज कर दिया है। ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं के तहत नए शहरों की स्थापना के लिए 22 स्थान चुने गए हैं। इनमें बिलकेदार (पौड़ी), बमौथ (चमोली) का टोपोग्राफी सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, सभी तकनीकी दस्तावेज उत्तराखंड एकीकृत अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआइआइडीबी) को सौंप दिए गए हैं, ताकि प्रक्रिया तेज की जा सके।

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    पहाड़ पर बढ़ती शहरी आबादी व राज्य में प्रवासियों की वापसी ने नए शहरी केंद्रों की आवश्यकता को बढ़ा दिया है। जहां पहले कोई निर्माण, शहरीकरण नहीं हुआ, वहां आधुनिक, आपदा-रोधी और पर्यावरण-अनुकूल नए शहर बसाने की संभावनाएं हैं, जबकि पुराने शहरों में जाम, पार्किंग, सीवरेज, आवासीय दबाव व यातायात जैसी चुनौतियों को दूर करने के लिए पुनर्विकास आवश्यक हो गया है।

    चुनी गई जगहों का विकास अब नई टाउनशिप पालिसी के तहत करने की योजना है। नई लैंड पूलिंग पालिसी भी इन नए शहरों की आधारशिला बनेगी। लैंड पूलिंग व बैंकिंग, पीपीपी, डेवलपर आधारित माडल और क्लस्टर-आधारित विकास को शहर बसाने में लागू किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के बजाय स्वैच्छिक साझेदारी को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि ग्रामीणों और कस्बों पर बोझ न पड़े, वहीं बड़े भूखंड एकमुश्त उपलब्ध होने से डेवलपर्स को आकर्षित करना आसान होगा।

    पीपीपी व ज्वाइंट वेंचर माडल लागू होगा

    इन शहरों को राज्य सरकार शून्य बजट पर विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें सरकार नकद निवेश नहीं करेगी, बल्कि भूमि को ही पूंजी के रूप में उपयोग करेगी। डेवलपर भूखंड को विकसित करेगा, पीपीपी व ज्वाइंट वेंचर माडल भी प्रमुख रूप से लागू होंगे, ताकि निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता का प्रयोग हो सके।

    सबसे पहले बसेंगे बिलकेदार-कोटद्वार समेत दस शहर

    राज्य सरकार ने जिन दस स्थानों को प्रथम चरण में नए शहरों के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, उनमें बिलकेदार, सहसपुर, रोशनाबाद, बमौथ, टिहरी-चंबा न्यू टाउनशिप जोन, कोटद्वार साउथ, सितारगंज-एग्रो–लाजिस्टिक क्लस्टर, काशीपुर-बाजपुर संयुक्त शहरी क्षेत्र, हरिद्वार उत्तरी रिंग रोड तथा ऋषिकेश-नरेंद्रनगर टाउनशिप शामिल हैं। इन दस स्थानों पर विस्तृत मास्टर प्लानिंग और विकास माडल के अगले चरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

    दूसरे चरण के लिए 12 शहरों की भी सूची तैयार

    प्रदेश सरकार दूसरे चरण में 12 नए शहर बसाने के लिए भी स्थानों का चयन कर चुकी है। ये सभी स्थान प्री-फिजिबिलिटी स्टडी, जीआइएस विश्लेषण और नगर एवं ग्रामीण नियोजन विभाग के इनपुट के आधार पर सामने आए हैं। इस सूची में धनोल्टी, मुनस्यारी, अल्मोड़ा ईस्ट-बाईपास, पिथौरागढ़ के दक्षिण-पूर्वी हिस्से, भीमताल से सितारगंज के मध्य, रानीखेत बाईपास, रामनगर टाउन एक्सटेंशन, देहरादून-डोईवाला,
    कर्णप्रयाग, भटवाड़ी, ऊधमसिंह नगर न्यू इंडस्ट्रियल टाउन, लाखामंडल-त्यूणी को भी उभरते शहरी केंद्रों के रूप में पहचाना गया है।

    ‘नए शहरों की स्थापना के लिए नीतिगत व धरातल दोनों स्तर पर कार्य किया जा रहा है, टोपोग्राफी सर्वे किया जा चुका है, रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्ययोजना बनाई जा रही है।’ - आर मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव आवास