पिथौरागढ़ की मासूम बिटिया से दुष्कर्म मामला, सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी धामी सरकार
पिथौरागढ़ में 2014 में एक मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। कानूनी सलाहकारों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। 2014 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान पिथौरागढ़ निवासी एक मासूम हल्द्वानी में लापता हो गई थी जिसके बाद उसका शव गौला नदी से बरामद हुआ था। पोस्टमॉर्टम में दुष्कर्म और हत्या की पुष्टि हुई थी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सीमांत पिथौरागढ़ जिले में मासूम के साथ 2014 में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। कानूनी सलाहकारों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
क्या था मामला?
कांग्रेस शासनकाल में 20 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ निवासी एक मासूम हल्द्वानी के शीशमहल स्थित रामलीला ग्राउंड में एक शादी समारोह के दौरान लापता हो गई थी।
छह दिन बाद उसका शव गौला नदी से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम में बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या की पुष्टि हुई। मामला सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था।
उस समय लोगों ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। जगह-जगह मामले में प्रदर्शन हुए थे। मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अख्तर अली समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
मार्च 2016 में स्पेशल कोर्ट ने अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई, जिसे 2019 में हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा। अब सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय में आरोपी को बरी कर दिया गया है।
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