19 साल की पिंकी के जज्बे को सलाम, बनी माता-पिता का सहारा
मंदाकिनी विहार निवासी 19 वर्षीय पिंकी सभी के लिए एक मिसाल बन गर्इ है। पेट्रोल पंप पर काम कर वो अपने माता पिता और भार्इ बहनों का ध्यान रख रही है।
देहरादून, [जेएनएन]: कहते हैं कि बेटियां मां-बाप के दर्द को सबसे ज्यादा समझती हैं। उन्हें परिवार की जिम्मेदारियों का कम उम्र में ही एहसास हो जाता है। भावुक, कोमल और कमजोर समझी जाने वाली लड़कियां आज शक्ति, साहस और सफलता का पर्याय बनकर मां-बाप के हर सपने को सच कर रही हैं।
दून में सहस्रधारा के मंदाकिनी विहार निवासी 19 वर्षीय पिंकी भी ऐसी ही होनहार बेटी है। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी पिंकी पेट्रोल पंप पर नौकरी करती हैं। सुबह 10 से शाम छह बजे तक वह पेट्रोल पंप पर काम करती हैं। इसके बाद फिर घर के कामों में मां का हाथ बंटाती हैं। माता-पिता को भी बेटी के इरादों पर पूरा भरोसा है। वह बेटी के काम में पूरा सहयोग करते हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी उनका अभिमान है।
पिंकी के पिता नरेश थापा ड्राइवर और माता मीना देवी गृहिणी हैं। पिंकी कुछ महीने पहले से सहस्रधारा रोड स्थित पेट्रोल पंप पर काम कर रही हैं। कुछ परेशानियों के चलते उसकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई थी। अभी उन्होंने 11वीं के ऑनलाइन फार्म भरे हैं। वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं।
पिंकी का कहना है कि लड़कियां हर वो काम कर सकती हैं, जो समाज में पुरुषवादी मानसिकता के चलते मना किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पेट्रोल पंप पर काम करते हुए कोई दिक्कत नहीं आती और न ही उन्हें यह काम करने में कोई झिझक महसूस होती है। वह अपना काम मेहनत और लगन के साथ करती हैं।
उनका कहना है कि बस इरादे मजबूत होने चाहिए, बेटियां किसी से कम नहीं हैं। माता-पिता की आर्थिक रूप से मदद कर उन्हें एक अच्छी जिंदगी देना ही उनका सपना है।
यह भी पढ़ें: इन बेटियों को सलाम, स्वाद और क्रिएटिविटी से बनार्इ अलग पहचान
यह भी पढ़ें: मिलिए दून की पहली महिला ई-रिक्शा चालक से, मेहनत के बूते तोड़ी रूढ़ियां
यह भी पढ़ें: इंडो-अमेरिकन टमाटर ने बदल दी किसानों की तकदीर, जानिए कैसे