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योग और एक्यूपंचर से शारीरिक उपचार है कारगर, पढ़िए पूरी खबर

ऋषिकेश में आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के विवेकानंद योग सभागार में योगाचार्य कुमारमंगलम सेमवाल ने वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग की विभिन्न विधियों से शिक्षकों को अवगत कराया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 03:10 PM (IST)
योग और एक्यूपंचर से शारीरिक उपचार है कारगर, पढ़िए पूरी खबर
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज आवास विकास में शिक्षकों को योगाभ्यास कराते योगाचार्य कुमारमंगलम सेमवाल।

ऋषिकेश, जेएनएन। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास में आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर में शिक्षकों को योग व एक्युपंचर विधि से शारीरिक उपचार की विधियां सिखाई गई। 

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आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के विवेकानंद योग सभागार में योगाचार्य कुमारमंगलम सेमवाल ने वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग की विभिन्न विधियों से शिक्षकों को अवगत कराया। उन्होंने विभिन्न रोगों के बेहतर उपचार के लिए वृश्चिक आसन, राजकपोत आसन, शवासन और सूर्य नमस्कार जैसे आसनों का अभ्यास कराया। इसके अलावा एक्यूप्रेशर व एक्यूपंचर के मूल मंत्र भी शिक्षकों को दिए। बताया कि यदि कभी आपके पास चिकित्सक  सेवा उपलब्ध ना हो, तो भी आप अपने हाथों के कुछ प्वाइंट्स को एक्टिव कर स्वयं को कम समय मे  कैसे ठीक कर सकते हैं। 

विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडे ने भी योगाभ्यास प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर कोरोना काल में इस तरह के प्रशिक्षण को सभी के लिए आवश्यक बताया। इस अवसर पर विद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेंद्र खुराना, सतीश चौहान, रामगोपाल रतूड़ी, कर्णपाल बिष्ट, मनोज पंत, रजनी गर्ग आदि मौजूद रहे।

योग शिविर में किया श्वसन क्रियाओं का अभ्यास

अर्हत योग ट्रस्ट की ओर से नंदनवन मोहनचट्टी में आयोजित शिविर में योग, प्राणायाम एवं श्वसन क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। शिविर में विभिन्न राज्यों के 22 योग प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। बुधवार को शुरू हुए पांच दिवसीय शिविर के उद्घाटन पर योगाचार्य भूपेंद्र शुक्लेश ने कहा कि योग न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, बल्कि वह हमें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है। 

स्वस्थ मन और शरीर के लिए श्वसन की सही विधि और नियमित प्राणायाम जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को ताड़ासन, वृक्षासन, हस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोण आसन सहित  कपाल भाती, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, ध्यान मुद्रा आदि का अभ्यास कराया। इस दौरान योगाचार्य शैलेश गर्ग, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट, घुमक्कड़ी लेखक कमल रामवानी सारांश, अर्जुन सिंह रावत, अक्षत त्रिवेदी, आशीष चौधरी, नंदनी गोयल, सिद्धार्थ आदि रहे।

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