लॉकडाउन में फंसे लोग उत्तराखंड लौटने को बेचैन, लिंक पर प्रति सेकंड हिट 18 सौ के पार
लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे छात्र और कामगार अपने प्रदेश उत्तराखंड लौटने को बेचैन हैं। जो ऑनलाइन पेज तैयार किया उस पर प्रति सेकंड 1800 हिट की क्षमता को पार कर गई।
देहरादून, सुमन सेमवाल। लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे छात्र और कामगार अपने प्रदेश उत्तराखंड लौटने को बेचैन हैं। इस बेचैनी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की संख्या स्पष्ट करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने जो ऑनलाइन पेज तैयार किया, उस पर हिट की संख्या शुरुआती कुछ ही घंटों में पेज की प्रति सेकंड 1800 हिट की क्षमता को भी पार कर गई। इसके चलते लिंक खुलने में परेशानी होने लगी। जिलाधिकारी व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव के निर्देश पर ऑनलाइन पेज की क्षमता बढ़ाई गई है।
सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि यह पेज बेहद कम समय में तैयार किया गया। हालांकि, अब इसकी क्षमता प्रति सेकंड 3000 हिट कर दी गई है। अब लिंक खुलने में कोई परेशानी नहीं देखने को मिल रही। उन्होंने बताया कि जो भी लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं, वह इसमें अपनी जानकारी दर्ज करेंगे और इसके बाद संबंधित राज्य की सरकार से वार्ता कर उत्तराखंड के लोगों को वापस लाने की तैयारी शुरू की जाएगी।
पहले दिन 4000 लोगों ने कराया पंजीकरण
ऑनलाइन पेज के लिंक के जरिये फॉर्म को भरकर गुरुवार शाम तक 4000 के करीब लोगों ने अपना पंजीकरण करा लिया था। माना जा रहा है कि रियायतों के अगले चरण तक सभी फंसे लोग इसमें अपना ब्योरा दर्ज कर देंगे। सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि इस लिंक को अधिक से अधिक शेयर किया जाए।
आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना जरूरी
जो भी व्यक्ति इसमें अपना पंजीकरण कराएंगे, उन्हें आरोग्य सेतु एप अपने फोन में इंस्टॉल करना जरूरी होगा। साथ ही इसमें दर्ज करना होगा कि उनका स्टेटस ग्रीन कलर का है या दूसरे कलर का। कोरोना संदिग्ध जैसे लक्षण मिलने या न मिलने की जानकारी भी अलग से दर्ज करनी होगी। पहचान पत्र (आइडी) के रूप में भी कुछ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने की बाध्यता रखी गई है।
यह है लिंक https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php
वर्तमान स्थल व घर की भरें स्पष्ट जानकारी
सीईओ डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे जो भी लोग इसमें अपनी जानकारी दर्ज कर रहे हैं, वह अपने वर्तमान स्थल के साथ उत्तराखंड में जहां उन्हें जाना है, उसका स्पष्ट पता दर्ज करें। ताकि फंसे लोगों को लाने व उन्हें गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो। साथ ही स्पष्ट पता दर्ज होने पर ऐसे लोगों को 14 दिन तक क्वारंटाइन कराने में भी मदद मिलेगी।
यह आइडी करें दर्ज
आधार कार्ड के अलावा पैन कार्ड, डीएल या वोटर कार्ड आदि की जानकारी दर्ज की जा सकती है।
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