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    पार्किंग बंद और सड़क पर गाड़ियां, ये हाल है राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 17 Aug 2021 04:25 PM (IST)

    राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के भी हालत ठीक नहीं हैं। यहां पार्किंग बंद और सड़क पर गाड़ियां खड़ी रहती हैं। स्थिति ये है कि मरीजों की तादाद बढ़ने पर यहां वाहन खड़ा करने तक की भी जगह नहीं मिलती।

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    पार्किंग बंद और सड़क पर गाड़ियां, ये हाल है राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। पार्किंग बंद और सड़क पर गाड़ियां। यह राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पताल, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के हाल हैं। यहां ये हर दिन की समस्या बन गई है। स्थिति ये है कि मरीजों की तादाद बढ़ने पर यहां वाहन खड़ा करने तक की भी जगह नहीं मिलती।

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    बता दें कि करीब छह साल पहले दून अस्पताल और दून महिला अस्पताल को एकीकृत कर मेडिकल कालेज में तब्दील कर दिया गया था, जिसके बाद यहां एमसीआइ के मानकों के अनुरूप सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। इसी क्रम में अस्पताल की नई ओपीडी का एक हिस्सा बनकर तैयार है। जबकि ओपीडी का दूसरा ब्लाक व नया ओटी कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। पर अर्से बाद भी ओपीडी का दूसरा ब्लाक शुरू नहीं हो सका है।

    कई डेडलाइन बीत जाने का बाद भी निर्माण एजेंसी काम पूरा नहीं कर पाई है, जिस कारण मरीज और तीमारदारों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। न केवल अस्पताल के भीतर बल्कि बाहर तक भी मुश्किल हो रही है। नई ओपीडी बिल्डिंग में पार्किंग लगभग तैयार है, पर जिस तरफ से इसकी एंट्री है वह हिस्सा अब भी निर्माणाधीन है। साथ ही वहां निर्माण सामग्री भी पड़ी है। ऐसे में इसे अभी शुरू नहीं किया जा सका है, जिस कारण वाहन बाहर खड़े करने पड़ रहे हैं।

    ओपीडी परिसर में ज्यादातर गाड़ियां स्टाफ की ही लग पाती हैं। मरीज और तीमारदार बाहर सड़क पर वाहन खड़े करने को मजबूर हैं, जहां बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन मुश्किल का सबब बनते हैं। हालत ये है कि पार्किंग को लेकर हर दिन मरीज और स्टाफ के बीच झड़प हो रही है।

    ओटी ब्लाक का काम भी लटका

    दून मेडिकल कालेज की नयी ओपीडी बिल्डिंग के साथ ही ओपीडी ब्लाक का काम भी अभी लटका हुआ है। यहां माड्यूलर ओटी, बर्न यूनिट, ट्रामा वार्ड, सेंट्रलाइज्ड आइसीयू आदि शुरू होना है। पर अभी अधूरा है, जिस वजह से मरीजों को तमाम सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि निर्माण एजेंसी को हल हाल में काम अक्टूबर तक निपटाने को कहा गया है। जिसमें किसी तरह की रियायत अब नहीं दी जाएगी। निर्माण पूरा होते ही व्यवस्था में सुधार दिखने लगेगा।

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