Move to Jagran APP

कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर पार्टी दिग्गजों के बीच खींचतान का साया

मिशन 2019 के लिए कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा के जरिये प्रदेश में आर-पार की जंग शुरू तो कर दी, लेकिन दिग्गजों के बीच खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:48 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:43 AM (IST)
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर पार्टी दिग्गजों के बीच खींचतान का साया

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मिशन 2019 के लिए कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा के जरिये प्रदेश में आर-पार की जंग शुरू तो कर दी, लेकिन दिग्गजों के बीच खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। खासतौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की जुगलबंदी के साथ आगे कदम बढ़ा रहे प्रदेश संगठन के सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को साधने की चुनौती है। हरीश रावत संगठन से अलहदा अपनी मुहिम चलाए हुए हैं। 

loksabha election banner

कांग्रेस हाईकमान लोकसभा चुनाव को लेकर सभी प्रदेश इकाइयों को सतर्कता के साथ मुहिम में जुटने की हिदायत दे चुका है। इसे देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संसदीय सीटवार परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम तय किया है। पहले चरण में टिहरी संसदीय सीट से इस यात्रा की शुरुआत की गई है। 

टिहरी संसदीय सीट में भी यात्रा की शुरुआत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह के गढ़ त्यूणी से की गई है। सोमवार को खुद प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने त्यूणी में बड़ी जनसभा के जरिये अपने मसूंबों को जता भी दिया है। 

टिहरी संसदीय क्षेत्र में निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा 25 जनवरी को खत्म होगी। इसके बाद 29 फरवरी से नैनीताल संसदीय सीट के लिए खटीमा से परिवर्तन यात्रा आरंभ होगी। खटीमा में इस परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के हाथों में रहेगा। 

प्रदेश संगठन ने मिशन 2019 के लिए अपने संघर्ष को धार देनी प्रारंभ तो की है, लेकिन इस सबके बावजूद पार्टी के दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने की चुनौती संगठन के सामने बनी हुई है। परिवर्तन यात्रा को अपना सहयोग देने का भरोसा देने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यात्रा में शामिल होने के बारे में अपने पत्ते पूरी तरह खोले नहीं हैं। 

हरीश रावत खेमे और प्रीतम-इंदिरा खेमे के बीच पिछले लंबे समय से गाहे-बगाहे खींचतान नुमायां होती रही है। फिर चाहे वो सदन के भीतर हो या बाहर। दोनों ही खेमों ने अभी तक एकदूसरे को हावी नहीं होने देने का अवसर हाथ से जाने नहीं दिया है। ऐसे में परिवर्तन यात्रा पर भी इस गुटबंदी का असर पड़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता। प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी के गठन में भी देरी के पीछे इस खींचतान को बड़ी वजह के रूप में देखा जाता रहा है।

यह भी पढ़ें: राम मंदिर संबंधी बयान पर भाजपा ने किया हरीश रावत पर कटाक्ष

यह भी पढ़ें: सरकार की नीतियों के खिलाफ यूकेडी का जनजागरण अभियान 23 जनवरी से

यह भी पढ़ें: हरीश रावत बोले, सरकार ने गंगा भक्तों को छोड़ दिया है मरने के लिए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.