Move to Jagran APP

उत्तराखंड में तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, इन क्षेत्रों में मतदान को लगेंगे तंबू

हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में छह 11 व 16 अक्टूबर को हो सकते हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पोलिंग बूथ के लिए टेंट लगेेेगा।

By Edited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 11:55 AM (IST)
उत्तराखंड में तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, इन क्षेत्रों में मतदान को लगेंगे तंबू

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में छह, 11 व 16 अक्टूबर को हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सरकार को भेजे गए पंचायत चुनाव के प्रस्तावित कार्यक्रम को दो-तीन दिन में मुख्यमंत्री की झंडी मिलने की संभावना है। इसके बाद आयोग 15 अथवा 16 सितंबर को पंचायत चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान कर देगा। इसके साथ ही प्रदेश में पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। 

loksabha election banner

हाईकोर्ट ने हरिद्वार को छोड़ शेष जिलों में 30 नवंबर तक त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) के चुनाव संपन्न कराने के आदेश दिए हैं। इस कड़ी में सरकार और आयोग की ओर से तैयारियों को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 66246 पदों के निर्वाचन के लिए हाल में राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम सरकार को भेजा था। 

शासन ने इससे संबंधित पत्रावली छह सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी। सूत्रों के अनुसार आयोग की ओर से सुझाए गए चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 20 सितंबर को नामांकन दाखिल करने के साथ होगी। 29 सितंबर को प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों छह अक्टूबर, 11 अक्टूबर व 16 अक्टूबर को प्रस्तावित किया गया है। 

सूत्रों ने बताया कि आयोग द्वारा प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम को लेकर गहनता से मंथन चल रहा है। इसे लेकर करीब-करीब सहमति भी बन चुकी है। दो-तीन दिन में इसे झंडी मिलने की संभावना है। इसके बाद आयोग को यदि लगेगा तो वह एकाध तिथि में परिवर्तन कर निर्वाचन कार्यक्रम का ऐलान कर देगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तंबू में होंगे चुनाव

उत्तरकाशी, चमोली समेत अन्य जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मतदान केंद्र क्षतिग्रस्त होने की दशा में उसे नजदीकी सरकारी भवन में शिफ्ट किया जाएगा। ऐसा भी न हो पाने की दशा में वहां पोलिंग बूथ के लिए टेंट (तंबू) लगाया जाएगा। 

राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों के डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह बात कही। उन्होंने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से मतदान केंद्र परिवर्तन के संबंध में प्रस्ताव शीघ्र आयोग को भेजने के निर्देश दिए। हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों में 30 नवंबर से पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग भी तेजी से कार्यां में जुटा है। 

इसी कड़ी में राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने इन जिलों के डीएम के साथ चुनाव की तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। राज्य निर्वाचन आयुक्त भट्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना इसी सप्ताह जारी हो सकती है। 

आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम जारी करने के बाद अंतिम अधिसूचना जिला स्तर पर डीएम/जिला निर्वाचन अधिकारी जारी करेंगे। उन्होंने शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी डीएम को कमर कसने, आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने, अराजक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई शुरू करने, शस्त्र जमा कराने की कार्यवाही करने संबंधी निर्देश दिए। 

साथ ही निर्वाचन संबंधी सभी प्रकार के प्रपत्रों की छपाई शीघ्र करने और निर्वाचन में क्रय की जाने वाली सामग्री में मितव्ययता बरतने को भी कहा। पहले चरण में नगरों से लगे क्षेत्रों में चुनाव आयुक्त भट्ट ने जिलाधिकारियों को बताया कि मानसून सीजन को देखते हुए पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पंचायती राज एक्ट में संशोधन को राजभवन की मंजूरी

पहले चरण में नगरों से लगे क्षेत्रों में चुनाव होंगे। द्वितीय चरण में मध्य और फिर अंतिम चरण में दूरस्थ क्षेत्रों में चुनाव होंगे। विकासखंड कार्यालय होगा नोडल राज्य के 89 विकासखंडों में चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए विकासखंड कार्यालय को नोडल बनाया गया है। चुनाव से जुड़ी प्रक्रियाएं वहीं होंगी। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 15 सितंबर को घोषित हो सकता है पंचायत चुनाव का कार्यक्रम

नामांकन की तिथि तक जुड़ सकेंगे नाम आयुक्त ने कहा कि पंचायतों की मतदाता सूची में यदि किसी व्यक्ति का नाम छूटा है तो नामांकन की अंतिम तिथि से पूर्व आयोग की अनुमति से सूची में नाम जोड़ा जा सकता है। आयुक्त ने कहा कि यदि कोई ऐसे मामले हों तो इन्हें आयोग को अनुमति के लिए भेजा जाए।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड प्रदेश में क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के 64 पद आरक्षित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.