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उत्तराखंड में छोटी सरकार के लिए बिछने लगी बिसात, सियासी दलों में हलचल शुरू

हरिद्वार को छोड़कर बाकी जिलों में भले ही अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का एलान न हुआ हो मगर संभावित दावेदारों ने छोटी सरकार के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 09:39 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 11:54 AM (IST)
उत्तराखंड में छोटी सरकार के लिए बिछने लगी बिसात, सियासी दलों में हलचल शुरू
उत्तराखंड में छोटी सरकार के लिए बिछने लगी बिसात, सियासी दलों में हलचल शुरू

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार को छोड़कर बाकी जिलों में भले ही अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का एलान न हुआ हो, मगर संभावित दावेदारों ने छोटी सरकार के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही सियासी दल भी पंचायतों में दबदबे के मद्देनजर गुणा-भाग में जुट गए हैं। 

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हालांकि, बदली परिस्थितियों में प्रत्याशियों का चयन खासा मशक्कतभरा होगा। वजह ये कि पंचायत चुनाव वहीं लोग लड़ पाएंगे, जिनके दो से अधिक बच्चे नहीं होंगे। छोटी सरकार कही जाने वाली त्रिस्तरीय पंचायतों में हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों की 7491 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 14 व 15 जुलाई को खत्म हो चुका है। 

नियमानुसार कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव न हो पाने की स्थिति में सरकार ग्राम पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर चुकी है। क्षेत्र व जिला पंचायतों का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि के क्रम में क्रमश: नौ व 12 अगस्त को खत्म होना है। क्षेत्र व जिला पंचायतों में भी कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव की संभावना नहीं है। 

लिहाजा, इनका भी प्रशासकों के हवाले होना तय है। हालांकि, अभी चुनाव का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, लेकिन संभावित दावेदार तैयारियों में जुट गए हैं। वे नाते-रिश्तेदारी के साथ ही तमाम दावे कर जमीन तैयार करने में जुटे हैं। सियासी दल भी कसरत में जुट गए हैं। 

प्रमुख सियासी दल भाजपा व कांग्रेस ने प्रत्याशियों के चयन के मद्देनजर दावेदारों की कुंडली बांचनी शुरू कर दी है। भाजपा ने तो बाकायदा कमेटी गठित की है। साथ ही दायित्वधारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। 

पंचायतों में आरक्षण तय होना है बाकी 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर पंचायतों की मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य हो चुका है, मगर अभी पंचायत प्रमुखों व सदस्य पदों पर आरक्षण तय नहीं हुआ है। माना जा रहा कि अगस्त के पहले पखवाड़े में क्षेत्र व जिला पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसकी सूचना मिलने के बाद निर्वाचन आयोग चुनाव का कार्यक्रम निर्धारित करेगा। 

आदेश का अध्ययन कर दाखिल करेंगे जवाब 

पंचायत चुनाव के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग में हलचल हुई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सीएस भट्ट के मुताबिक अदालत के आदेश का अध्ययन करने के बाद तय समयावधि के भीतर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। 

राज्य में पंचायतें 

पंचायत-------------------संख्या 

जिला पंचायत--------------13 

क्षेत्र पंचायत--------------- 95 

ग्राम पंचायत----------- 7797 

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