16 दिन बाद पद्मश्री देने पहुंचे गृह सचिव, लेटलतीफी पर नाराज हुए ह्यूग गैंट्जर
मसूरी के ह्यूग गैंट्जर और उनकी पत्नी को पद्मश्री सम्मान मिलने में हुई देरी से वे नाराज हैं। गृह सचिव ने 16 दिन बाद पद्मश्री मेडल व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया। गैंट्जर ने अधिकारियों की तत्परता की कमी पर नाराजगी जताई और सम्मान लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने इस उपेक्षा की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से करने की चेतावनी दी। बाद में अधिकारियों ने उन्हें मनाया और पद्मश्री भेंट किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किए गए मसूरी निवासी ह्यूग गैंट्जर और उनकी पत्नी कोलीन (मरणोपरांत) उत्तराखंड शासन के रवैए से खासे नाराज हैं। वह इस बात से व्यथित हैं कि गृह सचिव ने उन्हें व्यक्तिगत पद्मश्री मेडल प्रदान करने में तत्परता नहीं दिखाई।
दरअसल, वह 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों पद्मश्री मेडल प्राप्त करने में अक्षम रहे थे। लिहाजा, उन्हें यह सम्मान व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया जाना था और इस बात की सुध शासन ने 16 दिन बाद ली। हालांकि बाद में उन्हें पद्मश्री भेंट किया गया।
गृह सचिव शैलेश बगोली शनिवार को टीम के साथ ह्यूग गैंट्जर के मसूरी स्थित आवास पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने राष्ट्रीय महत्ता के सम्मान को देने में जरा भी तत्परता नहीं दिखाई। उन्होंने सम्मान को प्राप्त करने से इन्कार कर दिया।
ह्यूग गैंट्जर ने अधिकारियों से नाराजगीभरे लहजे में कहा कि वह इस उपेक्षा पर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे। ह्यूग गैंट्जर के अडिग रुख पर अधिकारियों के हाथ-पांव फूले नजर आए। देर रात तक अधिकारी उन्हें मनाने में रहे। हालांकि बाद में उन्हें पद्मश्री भेंट किया गया।
18 जून को सचिवालय पहुंचा पत्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड के गृह सचिव को पत्र भेजकर ह्यूग गैंट्जर को व्यक्तिगत रूप से पद्मश्री मेडल, पद्मश्री मिनिएचर और ब्रोशर प्रदान करने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि यह पत्र सचिवालय में 18 जून को प्राप्त हो चुका था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पद्मश्री मेडल प्रदान करने में इतना विलंब क्यों हुआ।
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