देहरादून में आक्सीजन बेड की मारामारी खत्म, कई अस्पतालों में खाली
दून में नए मामलों से लेकर संक्रमण दर में काफी राहत देखने को मिली है। रिकवरी भी अब ज्यादा हो रही है। यहां तक कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या में भी कमी आई है जिसके चलते अस्पतालों में अब बेड खाली होने लगे हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में नए मामलों से लेकर संक्रमण दर में काफी राहत देखने को मिली है। रिकवरी भी अब ज्यादा हो रही है। यहां तक कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या में भी कमी आई है, जिसके चलते अस्पतालों में अब बेड खाली होने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल के अनुसार गुरुवार रात तक 1952 आक्सीजन बेड में से 566 खाली थे।
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में 300 बेड में 107 आक्सीजन एवं 28 सामान्य बेड खाली थे। वहीं राजीव गांधी स्पोट्र्स स्टेडियम में 120 आक्सीजन बेड में 103 खाली थे। एचडीयू में भी 30 में नौ बेड पर मरीज भर्ती थे। इसके अलावा सुभारती में 42, एम्स में 64, कालिंदी में 57, हिमालयन में 31, कोरोनेशन में 19,विवकेकानंद नेत्रालय में 27, मैक्स में 26 आक्सीजन बेड खाली थे।
हालांकि आइसीयू बेड एक दो अस्पतालों में इक्का दुक्का ही खाली है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप डिमरी का कहना है कि अस्पतालों में आक्सीजन बेड के लिए मारामारी अब खत्म हुई है। आइसीयू बेड भी कुछ अस्पतालों में खाली है। अब जिले में अस्पतालों में बेड की संख्या अधिक हो गई है, तीसरी लहर के मद्देनजर तमाम तैयारियां की जा रही हैं।
प्राणवायु की चौथी खेप लाई आक्सीजन एक्स.
आक्सीजन की एक और खेप उत्तराखंड पहुंच गई है। झारखंड के टाटानगर से प्राणवायु की चौथी खेप लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस गुरुवार दोपहर देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन पहुंची। शाम को ही कंटेनर के माध्यम से आक्सीजन को प्रदेश के विभिन्न जिलों को भेज दिया गया।
प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत न हो, इसके लिए लगातार टाटानगर से आक्सीजन की खेप पहुंचाई जा रही है। इस क्रम में यह चौथी खेप है। हर्रावाला रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि आक्सीजन एक्सप्रेस दोपहर 1:50 बजे हर्रावाला पहुंची। ट्रेन में 120 मीटिक टन आक्सीजन थी। इसमें 80 मीटिक टन आक्सीजन उत्तराखंड के लिए थी और बाकी 40 मीटिक टन पंजाब के लिए। देर शाम उसे कंटेनर में पंजाब के लिए रवाना कर दिया गया। इससे पहले उत्तराखंड को दो खेप में 80-80 मीटिक टन और एक खेप में 90 मीटिक टन आक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।