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    उत्‍तराखंड के इस शहर में आपने भी लिया है फ्लैट तो ध्‍यान दीजिए! सैकड़ों ओनर्स की जेब पर पड़ने वाला है भार

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 06:27 PM (IST)

    ऋषिकेश नगर निगम ने फ्लैटों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है जिससे 400 फ्लैट मालिकों पर हाउस टैक्स का बोझ पड़ने वाला है। निगम हाउस टैक्स से राजस्व को सालाना दो करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ करने का लक्ष्य बना रहा है। सोसाइटी अध्यक्षों के माध्यम से फ्लैट मालिकों को टैक्स जमा करवाने के लिए कहा गया है। इस कदम से निगम बोर्ड फंड में वृद्धि होगी।

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    फ्लैटों का पंजीकरण करा निगम में जमा कराना होगा हाउस टैक्स। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। नगर निगम में फ्लैटों का पंजीकरण अब अनिवार्य कर दिया गया है। जब से फ्लैट बने हैं तब से उन पर टैक्स लगाया जाएगा। अब तक चार सौ फ्लैट स्वामियों को निगम ने चिन्हित किया गया है।

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    सोसाइटी अध्यक्षों के जरिए सभी फ्लैट मालिकों को हाउस टैक्स जमा करवाने के लिए कहा गया है। निगम हाउस टैक्स में राजस्व को दोगुना से अधिक बढ़ाने की कवायद में जुटा है। इससे बोर्ड फंड में पैसा आएगा और निगम जरूरी काम करवा पाएगा।

    बीस वार्डों से ही लिया जाता है हाउस टैक्स

    नगर निगम के चालीस वार्डों में अब तक पुराने बीस वार्डों से ही हाउस टैक्स लिया जाता है। नए क्षेत्रों में निगम गठन के दस साल तक हाउस टैक्स में छूट है। हालांकि, निगम यहां व्यावसायिक टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश में फ्लैट संस्कृति बढ़ी है। लेकिन फ्लैटों का निगम में पंजीकरण नहीं हो पा रहा था।

    इससे निगम को हाउस टैक्स के रूप में फ्लैटों से टैक्स नहीं मिल रहा था। कुछ दिन पहले नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने टैक्स अनुभाग की बैठक लेकर फ्लैटों का पंजीकरण कराने को कहा था। इसके साथ ही होटलों की ओर से जो टैक्स के रूप में पार्ट पेमेंट की व्यवस्था बंद कर एकमुश्त राशि जमा कराने को कहा था।

    इसके बाद टैक्स अनुभाग ने करीब चार सौ फ्लैट चिन्हित किए हैं। जिन सोसाइटी में यह फ्लैट हैं वहां के अध्यक्ष के जरिए फ्लैट मालिकों को पंजीकरण करा टैक्स जमा कराने को कहा गया है।

    नगर आयुक्त ने बताया कि हाउस टैक्स से अब तक सालाना करीब दो करोड़ का राजस्व निगम को मिल रहा है। इसे पांच करोड़ तक ले जाने के लिए काम चल रहा है। फ्लैटों का पंजीकरण कर टैक्स लेने को कहा गया है। होटलों को भी अब एकमुश्त रकम टैक्स के तौर पर चुकानी होगी। अब तक कई होटलों से पार्ट पेमेंट मिल रहा था।