देहरादून के सरकारी अस्पताल में टूटा मरीजों का रिकॉर्ड, एक दिन की ओपीडी पहुंची 2876
देहरादून में मौसम बदलने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी 2876 तक पहुंच गई। डॉक्टरों का कहना है कि तापमान में बदलाव के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है जिससे सर्दी जुकाम और वायरल बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। बच्चों में पीलिया और डायरिया के मामले भी सामने आ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। लगातार हो रही बारिश के बाद अचानक गर्मी ने लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। अस्पताल में सर्दी, जुकाम और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। वहीं, श्वास संबंधी रोगों से पीड़ित मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डाक्टरों के अनुसार, मौसमी बदलाव ने स्थिति जटिल कर दी है, जिससे मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। स्थिति यह है कि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में मरीजों की संख्या हर दिन रिकार्ड तोड़ रही है। सोमवार को जहां ओपीडी 2700 पार पहुंची थी, मंगलवार को 2876 मरीज ओपीडी में पहुंचे।
दून मेडिकल कालेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अंकुर पांडेय का कहना है कि तापमान में बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस दौरान बुखार, खांसी व जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। इस मौसम में दूषित पानी और अस्वास्थ्यकर खानपान भी सेहत को बिगाड़ रहा है। बाल रोग के विभागाध्यक्ष डा. अशोक के अनुसार दूषित पानी व अस्वास्थ्यकर खानपान से बच्चे भी लगातार बीमारी की जग में आ रहे हैं।
पीलिया और डायरिया के काफी मामले आ रहे हैं। पानी उबालकर और छानकर पीने से इससे बचा जा सकता है। विशेष रूप से बच्चों को उबला हुआ पानी ही देना चाहिए।
चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट ने बताया कि आमतौर पर अस्पताल की ओपीडी दो से ढाई हजार के बीच रहती है। बीते सप्ताह लगातार बारिश व छुट्टियों के कारण मरीज कुछ कम थे। पर एकाएक इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। मौसमी बीमारियां भी इसका एक कारण है। मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद सभी को बेहतर इलाज प्रदान किया जा रहा है। अस्पताल में सभी आवश्यक दवाएं और जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- मेडिसिन-546
- इमरजेंसी मेडिसिन-334
- हड्डी रोग-303
- चर्म रोग-250
- बाल रोग-145
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