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    उत्तराखंड में परीक्षा और आनलाइन पढ़ाई को लेकर सरकारी संस्थान निष्क्रिय, छात्रों का हो रहा नुकसान

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 21 Jul 2021 11:30 AM (IST)

    Online Education कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा है जिसके कारण उत्तराखंड में लंबे समय से उच्च शिक्षण संस्थान बंद हैं। हालांक ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड में परीक्षा और आनलाइन पढ़ाई को लेकर सरकारी संस्थान निष्क्रिय।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Online Education कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा है, जिसके कारण उत्तराखंड में लंबे समय से उच्च शिक्षण संस्थान बंद हैं। हालांकि, छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए आनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए गए हैं। इसका निजी शिक्षण संस्थान तो पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे हैं, लेकिन सरकारी शिक्षण संस्थान इस ओर गंभीर नहीं हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है।

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    प्रदेश में ज्यादातर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं हैं। इन संस्थानों में कहीं सेमेस्टर परीक्षाएं लंबित हैं तो कहीं परीक्षा के चार महीने बाद भी परिणाम घोषित नहीं किया गया है। यहां तक कि इन संस्थानों में आनलाइन पढ़ाई भी नहीं हो रही है। राज्य उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी ने आनलाइन पढ़ाई को लेकर आदेश तो जारी किए हैं, लेकिन राजकीय विवि व कालेजों में आनलाइन कक्षाएं नियमित चल भी रही हैं या नहीं इसकी मानीटङ्क्षरग को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है।

    उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. कुमकुम रौतेला ने कहा कि शासनादेश के बाद सभी संस्थानों को आनलाइन पढ़ाई को लेकर निर्देशित किया गया है, लेकिन इसके लिए निगरानी कमेटी नहीं बनाई गई है।

    श्रीदेव सुमन विवि की कई परीक्षा लंबित

    राजकीय श्रीदेव सुमन विवि की स्नातक और स्नातकोत्तर की कई सेमेस्टर परीक्षाएं लंबित हैं। इसी प्रकार वार्षिक परीक्षा सिस्टम के तहत भी परीक्षा शुरू नहीं हुई हैं। विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि रुकी हुई परीक्षा असाइनमेंट के आधार पर संपन्न करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आनलाइन पढ़ाई को लेकर सभी कालेजों के प्राचार्य को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है।

    गढ़वाल विवि की सेमेस्टर परीक्षा लंबित

    हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध कालेजों में अभी तक बीए, बीएससी व बीकाम प्रथम सेमेस्टर व एमए, एमएससी व एमकाम प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है। अभी इन परीक्षाओं को लेकर केवल परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया ही पूरी हो पाई है। कोरोना संक्रमण की प्रथम व द्वितीय लहर के कारण जो छात्र परीक्षा से वंचित रह गए थे, उनमें से कई छात्रों के पेपर ही नहीं हुए। जिन छात्रों ने आनलाइन परीक्षा दी उनके परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुए हैं। डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना ने बताया कि स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म भरे जा चुके हैं, अभी परीक्षा लंबित है। एक अक्टूबर से नया सत्र शुरू होगा।

    दून विवि में एमए अर्थशास्त्र का परिणाम लंबित

    सीमित छात्र संख्या होने के बावजूद दून विश्वविद्यालय करीब चार महीने बाद भी एमए अर्थशास्त्र प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाया। विवि की कुछ सेमेस्टर की आनलाइन कक्षाएं भी नियमित रूप से संचालित नहीं हो रही हैं। जिससे छात्र-छात्राओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बारे में विभागाध्यक्ष की ओर से छात्रों से संवाद भी नहीं किया जाता है। दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि कुछ तकनीकी दिक्कत के कारण एमए अर्थशास्त्र प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हो सका है। विवि के अस्थायी शिक्षकों के हटने से आनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर सभी व्यवस्था सुचारू कर दी जाएंगी।

    चार महीने बाद होगी यूटीयू की सेमेस्टर परीक्षा

    लंबे इंतजार के बाद वीर माधो सिंह प्रौद्योगिकी विवि (यूटीयू) ने सात पाठ्यक्रम का सेमेस्टर परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। जिनमें बीटेक, एम फार्मा, एमबीए, एमसीए, एमटेक, बीएचएमसीटी की परीक्षा 28 जुलाई से शुरू हो रही हैं। विवि के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी ने इसकी पुष्टि की। हालांकि पिछले तीन महीनों में बहुत कम छात्र-छात्राएं आनलाइन पढ़ाई से जुड़ पाए। कई पाठ्यक्रमों की आनलाइन पढ़ाई नहीं हुई, जो परीक्षाएं अब हो रही हैं, वह दो महीने पहले हो जानी चाहिए थी।

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