चिल्ड्रन होम ऐकेडमी में एक छात्र की मौत, बैठी जांच Dehradun News
देहरादून के चिल्ड्रन होम ऐकेडमी एक बार फिर एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने डीएम व एसएसपी को जांच के आदेश दिए हैं।
ऋषिकेश, जेएनएन। देहरादून के रानीपोखरी थाना क्षेत्र अंतर्गत भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम ऐकेडमी एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। शुक्रवार को स्कूल में आठवीं कक्षा के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले का संज्ञान लेते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने डीएम व एसएसपी को जांच के आदेश दिए हैं। यह बोर्डिंग स्कूल इसी वर्ष अप्रैल माह में सातवीं कक्षा के छात्र वासु यादव की बेरहमी से हत्या के मामले के बाद सुर्खियों में आया था।
भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम ऐकेडमी में अभिषेक रविदास (12 वर्ष) पुत्र अजय रविदास निवासी जालंधर पंजाब आठवीं कक्षा का छात्र था। शुक्रवार को अभिषेक रविदास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्कूल प्रशासन ने छात्र रविदास के परिजनों को यहां बुलाया और शुक्रवार को ही हरिद्वार में अभिषेक रविदास का अंतिम संस्कार करवा दिया। विद्यालय प्रबंधन ने अभिषेक रविदास की मौत डेंगू से होने की बात परिजनों को बताई है। वहीं छात्र अभिषेक रविदास की मौत पर कुछ लोगों ने संदेह जताते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी को शिकायत की।
शिकायत का संज्ञान लेते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने शनिवार को जिलाधिकारी देहरादून व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को छात्र की मौत की सघन जांच कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयोग को सौंपने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में इस विद्यालय में वासु यादव की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जबकि विद्यालय प्रबंधन ने झूठी मेडिकल रिपोर्ट के साथ हत्या को फूड प्वाइजङ्क्षनग का रूप देने की कोशिश की थी। इस संबंध में रानीपोखरी पुलिस को अभी तक कोई सूचना नहीं है। थानाध्यक्ष मोहन ङ्क्षसह ने बताया कि इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच की जाएगी।
मान्यता रद होने के बाद चल रहा है स्कूल
रानीपोखरी के भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम अकेडमी में वासु हत्याकांड को कोई अभी भूला भी नहीं था कि एक स्कूल में एक और छात्र की संदिग्ध मौत ने सभी को सन्न कर दिया है। पांच माह के भीतर ही दूसरे छात्र की मौत ने सिस्टम पर भी कई सवाल खड़े कर दिये हैं। बड़ा सवाल तो यही है कि वासु हत्याकांड के बाद जिस स्कूल की मान्यता सीबीएसई ने रद कर दी थी, वह आखिर कैसे चल रहा था।
इसी वर्ष बीती 10 अप्रैल को चिल्ड्रन होम अकेडमी में मेरठ निवासी वासु यादव की स्कूल के ही दो सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी थी। इस मामले को शुरूआत में स्कूल प्रबंधन ने छुपाने की कोशिश की। एक निजी अस्पताल की झूठी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन ने वासु यादव की मौत फूड प्वइजनिंग से होना बताकर वासु यादव के शव को विद्यालय परिसर में दफना दिया था। बाल संरक्षण आयोग ने जब मामले का संज्ञान लिया तो वासु यादव का एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम कराया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत अंदरुनी चोट और खून का थक्का जमने से बतायी गयी थी। उसके शरीर पर मारपीट के 17 निशान मिले थे।
जिसके बाद पुलिस ने भी इस संबंध में मुकमदमा दर्ज कर छानबीन की और हत्यारोपी दो छात्रों सहित दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया था। वासु हत्याकांड के बाद स्कूल की मान्यता और अन्य अनियमितताओं की भी जांच करायी गयी। सीबीएसई ने जांच के बाद चिल्ड्रन होम अकेडमी की मान्यता रद कर दी थी। मगर, बावजूद इसके स्कूल में अभी भी कक्षा एक से लेकर बारहवीं तक की शिक्षा दी जा रही है। यहीं नहीं इस स्कूल में आवासीय परिसर भी है, जिसमें करीब चार सौ बच्चे रह रहे हैं।
जांच में यह बात भी सामने आयी थी कि इस हास्टल के संचालन की भी कोई अनुमति विद्यालय प्रबंधन के पास नहीं है। बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल से संबंधित जांच के लिए उप जिलाधिकारी ऋषिकेश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति भी गठित की थी। जिसने स्कूल में तमाम अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। मगर, बावजूद इसके जिम्मेदार विभागों ने इस ओर कोई संज्ञान नहीं लिया और पांच माह बाद ही एक और बच्चे की संदिग्ध मौत के रूप में सिस्टम की लापरवाही सामने आ गयी।
विवादों से पुराना है चिल्ड्रन होम अकेडमी का नाता
वासु हत्याकांड ही नहीं बल्कि चिल्ड्रन होम अकेडमी का नाता विवादों से काफी पुराना रहा है। करीब डेढ़ वर्ष भी चिल्ड्रन होम अकेडमी का एक छात्र रहस्मय परिस्थितियों में लापता हो गया था, जिसका आज तक कुछ पता नहीं चल पाया है। यह मामला 20 अक्टूबर 2017 का है। चिल्ड्रन होम ऐकेडमी से 22 सदस्यीय दल भोपगुर-इठारना से करीब 14 किलोमीटर ऊपर कखुई-चोबन पहाड़ी पर ट्रैकिग के लिए गया था। रात को दल के सभी सदस्य जंगल में बनाए गए कैंप में वापस लौट गए थे, जबकि एक छात्र 18 वर्षीय मोहन महतो पुत्र मधुसूदन महतो कैंप में वापस नहीं लौटा। छात्र की तलाश में पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद से कई दिनों तक जंगल की खाक छानी मगर, आज तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया। इतना ही नहीं स्थानीय लोग स्कूल में इस तरह के कई और हादसे होने का दावा भी करते हैं, जिनसे आज तक पर्दा नहीं उठा पाया।
क्या कर रहे हैं अधिकारी
चिल्ड्रन होम अकेडमी में एक अन्य छात्र की संदिग्ध मौत पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभी सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि वासु हत्याकांड के मामले में जिलाधिकारी समेत शिक्षा विभाग, पुलिस व कई अन्य विभागों को जांच में शामिल किया गया था। स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं पर कई विभागों की लापरवाही सामने आयी थी। मगर, ताज्जुब की बात है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी कैसे निभाते हैं। उन्होंने बताया कि पूरा मामला ऋषिकेश एसडीएम के संज्ञान में है। मगर, क्या उन्होंने भी इसके बाद स्कूल में व्यवस्थाओं को दोबारा से जांचने की जहमत नहीं उठाई। रानीपोखरी पुलिस हत्यांकाड का खुलासा करने के बाद क्या दोबारा स्कूल में झांकने नहीं गयी। जब सीबीएसई स्कूल की मान्यता रद कर चुका है तो क्या शिक्षा विभाग ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर अब स्कूल किसकी मान्यता पर चल रहा है।
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उषा रावत (अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग) का कहना है कि चिल्ड्रन होम अकेडमी में आठवीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध मौत की सूचना मिलने के बाद मैंने डीएम व एसएसपी से एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। मैं स्वयं सोमवार को स्कूल जाकर मामले की पड़ताल करुंगी। स्कूल प्रबंधन छात्र की मौत डेंगू से होना बता रहा है, मगर यदि ऐसा भी है तो कहीं न कहीं स्कूल प्रबंधन की इसमें बड़ी लापरवाही है। स्कूल प्रबंधन वासू हत्याकांड में इसी तरह सभी को गुमराह कर चुका है।
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