लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में आक्रमक हुए भालू, अब तक एक की मौत और 14 लोग घायल
लॉकडाउन के दरम्यान उत्तराखंड में भालू ज्यादा आक्रामक हुए हैं। आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। पिछले 41 दिनों में हुई वन्यजीवों के हमले की 11 घटनाओं में छह भालू की हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दरम्यान उत्तराखंड में भालू ज्यादा आक्रामक हुए हैं। आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। पिछले 41 दिनों में हुई वन्यजीवों के हमले की 11 घटनाओं में छह भालू की हैं। शेष गुलदार व जंगली सूअर के हमले हैं। इन हमलों में एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी, जबकि 14 घायल हुए हैं। इसने वन्यजीव महकमे की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
खासकर, भालू के बढ़ते हमले चिंता का विषय बने हैं। इस सबके मद्देनजर सभी वन प्रभागों को वन्यजीवों के हमलों के कारणों की पड़ताल कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को प्रभागवार कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा गया है।
71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वन्यजीवों और मानव के बीच छिड़ी जंग जगजाहिर है। अब जबकि कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन चल रहा है तो वन क्षेत्रों में भी मानव हस्तक्षेप शून्य है। बावजूद इसके वन्यजीवों के हमलों में कोई कमी नहीं आई है।
सरकारी आंकड़ों को ही देखें तो फरवरी से लेकर अब तक वन्यजीवों के हमलों की कुल 37 घटनाएं हुई। इनमें 11 लॉकडाउन शुरू होने के बाद की हैं। लॉकडाउन के अब तक के कालखंड को ही देखें तो इस वक्फे में भालू सबसे अधिक आक्रामक हुए, जबकि गुलदार समेत अन्य वन्यजीवों के हमले काफी कम सामने आए।
पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी, देहरादून, ऊधमसिंहनगर जिलों में भालू के ये हमले हुए हैं। ऐसे में चिंता भी बढ़ गई है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के अनुसार सभी वन प्रभागों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन से कहा गया है कि वे वन्यजीवों के हमले की घटनाओं के कारणों की पड़ताल कर जल्द रिपोर्ट भेजें।
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साथ ही ऐसे स्थल चिह्नित करने को कहा गया है, जहां वन्यजीवों की आवाजाही ज्यादा देखने में सामने आ रही है। इसके साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने की प्रभागवार ठोस कार्ययोजना तैयार कर जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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